देहरादून : प्रदेशभर में ग्राम पंचायतों के क्वारंटीन सेंटरों में स्थिति बदहाल है। प्रवासियों की व्यवस्था का जिम्मा पंचायतों को दिया गया था, लेकिल उनको इसके लिए बजट नहीं दिया गया था। सरकार ने कोरोना के लिए फंड को मंजूरी दे दी है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों से मिलने वाली अनुदान राशि का करीब 20 प्रतिशत से ज्यादा बजट कोरोना से जुड़ी व्यवस्थाएं जुटाने के लिए खर्च कर सकेंगे। पहली किस्त के रूप में ग्राम पंचायतों और क्षेत्र पंचायतों को करीब 50 करोड़ दिये जाएंगे।
बगैर खर्च के जिम्मेदारी दिये जाने से ग्राम पंचायतों ने विरोध जताया। ग्राम प्रधानों के विरोध जताने के बाद सरकार ने जिलाधिकारियों को क्वारंटीन केंद्रों में व्यवस्थाएं जुटाने के लिए ग्राम प्रधान को 10 हजार रुपये की वित्तीय मदद देने के आदेश जिलाधिकारियों को दिए। लेकिन, सरकार के आदेश के बावजूद ग्राम प्रधानों को बजट नहीं दिया गया।
पंचायतों अब 15वें वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक मिलने वाली अनुदान राशि का 20 फीसद या इससे अधिक कोरोना से बचाव को जरूरी बंदोबस्त पर खर्च कर सकेंगे। प्रस्ताव को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का अनुमोदन मिल चुका है। अनुदान को क्वारंटी केंद्रों में व्यवस्था और जागरूकता के लिए खर्च किया जाएगा।
15वें वित्त की सिफारिश के मुताबिक ग्राम पंचायतों को 28.50 करोड़ व 95 क्षेत्र पंचायतों को 21.25 करोड़ की धनराशि जल्द जारी की जा रही है। जिला पंचायतों को बीती 21 अप्रैल को धन दिया जा चुका है। वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि पंचायतों को उक्त फंड मिलने से कोरोना से बचाव के उपाय करने में उन्हें मदद मिलेगी।