उत्तरकाशी : गंगोत्री से भोले के भक्त कावड़ लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर में जलाभिषेक कर भोले नाथ के जयकारे लगा रहे हैं। सुबह से काशी विश्वनाथ मंदिर में जल चढ़ाने के लिए भोले के भक्त और अन्य श्रद्धालु जलाभिषेक चढ़ने के लिए भीड़ लगी हुई है।
इस दौरान हजारों की संख्या में कांवड़िए ने गंगोत्री से जल भर कर अपने गंतव्य तक पहुंच गए हैं और शिवालयों में जलाभिषेक कर रहे हैं। वैसे तो सावन महीने के किसी भी दिन शिव का जलाभिषेक किया जा सकता है, लेकिन सावन माह की शिवरात्रि पर विशेष रूप से कांवड़ के जल से शिव का अभिषेक किया जाता है।
सावन की शिवरात्रि यानि शिव की भक्ति से सबसे अच्छा दिन माना जाता है। मान्यता है कि जो श्रद्धालु शिवरात्रि के दिन भगवान शिव के जलाभिषेक करने पर शिव की कृपा हो जाती है यह भी माना जाता है कि शिव सावन के पूरे महीने अपनी ससुराल में ही निवास कर यही से सृष्टि का संचालन और लोगो का कल्याण करते हैं।
सुबह से ही काशी विश्वनाथ मंदिर में भोले शिव का जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है ।गोमुख गंगोत्री से भोले के भक्त सुबह से भोले शंकर जयकारों के साथ जलाभिषेक कर प्रसाद वितरण कर रहे है । सावन के महीने में गंगा जल दूध दही शहद भूरा गन्ने के रस और भांग धतूरे से भगवान शिव की पूजा की जाती है । जो भी श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।