देहरादून: रसोई गैस के रेट के बारे में तो आप जानते ही होंगे। गैसे के दाम प्रत्येक महीने घटते और बढ़ते रहते हैं। यह अंतरराष्ट्रीय बाजार पर निर्भर करता है। ठीक ऐसा ही अब उत्तराखंड में बिजली के बिल के साथ भी होने जा रहा है। राज्य में बिजली का बिल अब प्रत्येक महीने घट-बढ़ सकता है।
राज्य में 27 लाख बिजली उपभोक्ता हैं। सबको पता रहता है कि प्रत्येक महीने उनका कितना बिल आने वाला है। लेकिन, अब ऐसा नहीं है। हर महीने बिल के लिए कभी कम तो कभी ज्यादा पैसा चुकानना होगा । बिल हर महीने घटेगा और बढ़ेगा। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (Uttarakhand Electricity Regulatory Commission) ने फ्यूल एंड पावर परचेज कोस्ट एडजस्टमेंट (fuel and power purchase cost adjustment) को मंजूरी दे दी है। उत्तराखंड पावर कार्पोरेशन लिमिटेड (Uttarakhand Power Corporation Limited) ने इसके लिए याचिका दायर की थी। इस नियमावली के लागू होने के बाद अब हर तिमाही फ्यूल चार्ज एडजस्टमेंट (FCA) नहीं लगेगा।
नियामक आयोग में अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन की पीठ ने FPPCA पर जनसुनवाई के बाद अंतिम निर्णय दिया है। इस निर्णय के तहत अब यूपीसीएल की ओर से हर महीने खरीदी जाने वाली बिजली की महंगाई या सस्ते होने का असर बिल पर नजर आएगा। नियामक आयोग के सचिव नीरज सती ने बताया कि महीने में यूपीसीएल जो भी ज्यादा महंगी बिजली खरीदेगा, उसकी रिकवरी उपभोक्ताओं के बिलों से माहवार की जाएगी।
ऐसे तय होगा बिल
जिस तरह से गैस के दाम हर माह अंतरराष्ट्रीय बाजार के आधार पर रेट तय होते हैं। ठीक उसी तरह अगर जून माह में महंगी बिजली खरीदी गई तो उसकी गणना करने के बाद अगस्त माह के बिल में जोड़ा जाएगा और सितंबर में बिल लिया जाएगा। इसी तरह जुलाई की महंगी बिजली खरीद की भरपाई सितंबर के बिल में जोड़कर अक्तूबर में वसूल की जाएगी।
नियामक आयोग के संयुक्त सचिव गौरव लोहानी ने बताया कि UPCL हर तिमाही इस वसूली का रिव्यू करेगा और नियामक आयोग में इसकी याचिका दायर करेगा। UERC आयोग ने UPCL के लिए बाजार से बिजली खरीद को 4.72 रुपये प्रति यूनिट की दर तय की हुई है। बिजली की भारी मांग के बीच UPCL इससे ऊपर कीमत पर बाजार से बिजली खरीदेगा तो उसका पूरा खर्च उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा। अगर UPCL किसी माह 9 रुपये की दर से बिजली खरीदेगा तो 4.28 रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से वसूली की जाएगी। नियामक आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 20 प्रतिशत से अधिक की वसूली नहीं की जा सकेगी।
UPCL की ओर से हर नए वित्तीय वर्ष में बिजली दरों में बढ़ोतरी संबंधी याचिका अलग से दायर की जाएगी। इस पर आयोग जनसुनवाई के बाद दरें तय करेगा जो हर साल एक अप्रैल से लागू होंगी। माना जा रहा है कि FPPCA लागू होने के बाद अप्रैल की दरों में अपेक्षाकृत कम बढ़ोतरी होगी।