रुद्रप्रयाग: गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट खुलने के साथ आज चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा। कोरोना महामारी के कारण इस बार की यात्रा में कई परंपराएं और इतिहास बदले गए। इस बार की चारधाम यात्रा तीर्थ यात्रियों की संख्या के लिए नहीं। बल्कि यात्रा को लेकर बदले गए इतिहास के लिए याद रखी जाएगी। हालांकि करीब 45 साल पहले एक बार केदारनाथ जी को वाहन ले जाने का प्रयास किया गया था। तब लोगों ने उसका जमकर विरोध किया था। लेकिन, इस बार स्थितियां कुछ अलग हैंं।
बाबा केदारनाथ की चल विग्रह पंचमुखी उत्सव डोली आज शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ से धाम के लिए रवाना हो गई। लाकडाउन के चलते बाबा की डोली पहली बार गाडी से रवाना हुई। बेहद सादगी में बाबा केदार की पंचमुखी चल विग्रह डोली आज गौरीकुंड पहुंचेगी। इसके बाद द्वितीय रात्रि प्रवास 27 अप्रैल को भीमबली मे करेगी। 28 अप्रैल को उत्सव डोली केदारनाथ धाम पहुंचेगी। ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के कपाट आगामी 29 अप्रैल को सुबह 6रू10 मिनट पर खुलेंगे।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के चलते देशभर में बीते 25 मार्च से लॉकडाउन जारी है। जिसके चलते सामाजिक दूरी के पालन पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष केदारनाथ यात्रा का संचालन सूक्ष्म रूप से किया जा रहा है। बाबा की डोली के धाम प्रस्थान के समय सीमित लोग ही शामिल हुए। वहीं कपाट खुलने के दौरान भी कुछ गिनती के लोग ही शामिल हो सकेंगे।