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Uttarakhand News : IAS के फर्जी साइन कर सिंचाई विभाग में इंजीनियरों के तबादले, सचिव ने लिया एक्शन

देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर सरकारी विभाग में फर्जी हस्ताक्षर के मामले ने तूल पकड़ लिया है। इस बार मामला सिंचाई विभाग से जुड़ा हुआ है, जहां विभाग के सचिव के फर्जी हस्ताक्षर से कई इंजीनियरों के तबादले किए गए थे। यह मामला तब सामने आया जब अधिकारियों को पता चला कि तबादला आदेशों पर सिंचाई सचिव डॉ. आर राजेश कुमार के हस्ताक्षर नहीं थे।

TRANSFER WITH FAKE SIGNATUREतबादला

आदेश पर संदेह

सिंचाई विभाग के मुख्यालय में 31 जनवरी और 19 फरवरी को कुछ इंजीनियरों के तबादले किए गए थे। तबादला आदेश सिंचाई विभाग के मुख्यालय तक पहुंचा और इसे लागू भी किया जाने लगा। लेकिन जब इंजीनियरों ने इस आदेश पर सवाल उठाए और उच्च अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा की, तो मामले का पर्दाफाश हुआ। सिंचाई सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने इन तबादलों को लेकर नाराजगी जताते हुए इस आदेश पर अपने हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। उन्होंने तुरंत कानूनी कार्रवाई की दिशा में कदम उठाने के आदेश दिए।

फर्जी हस्ताक्षर से तबादला किए गए अभियंता

सिंचाई विभाग के अपर सहायक अभियंता चिरंजी लाल, सुमित कुमार और जयदीप को फर्जी हस्ताक्षरों के माध्यम से स्थानांतरण किया गया था। तबादला आदेश के बाद विभाग में कामकाजी प्रक्रियाओं के तहत इस आदेश का पालन भी किया जा रहा था। हालांकि, जब अभियंता ने विभाग के उच्च अधिकारियों से इस बारे में जानकारी ली, तो यह पता चला कि आदेश पर सिंचाई सचिव के हस्ताक्षर फर्जी थे।

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खुलासा और जाँच

मामला सामने आने के बाद अब चर्चा का विषय यह बन गया है कि आखिरकार यह फर्जी हस्ताक्षर किसने किए। सिंचाई सचिव आर राजेश कुमार से जुड़े इससे पहले भी एक पत्र वायरल हुआ था, जिसे गलत पाया गया था। इसके बाद मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई थी। फिलहाल, यह मामला जांच के दायरे में है और कहा जा रहा है कि विभाग में ही कार्यरत एक कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।

प्रमुख अभियंता ने जारी किया आदेश

इंजीनियरों के फर्जी तबादले के मामले में सिंचाई सचिव ने तुरंत कार्रवाई करते हुए संबंधित अभियंता को उनकी पुरानी तैनाती पर वापस भेजने का आदेश दिया। प्रमुख अभियंता कार्यालय से जारी आदेश में बताया गया है कि 31 जनवरी और 19 फरवरी को जारी किए गए तबादला आदेश फर्जी थे और कूटरचित हस्ताक्षरों के जरिए जारी किए गए थे।

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पुलिस में शिकायत और आगे की कार्रवाई

इस मामले में पुलिस को तहरीर दे दी गई है और जांच शुरू कर दी गई है। सिंचाई सचिव ने मामले में कानूनी कार्रवाई की घोषणा की है और आरोपी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं। चूंकि शासन से ही तबादला आदेश भेजे जाते हैं, ऐसे में अब सिंचाई विभाग के संबंधित अनुभाग की भी जांच हो रही है। इस अनुभाग में कार्यरत एक कर्मी को पद से हटाने की कार्रवाई भी की जा रही है।

पूर्व में भी हुआ था फर्जी हस्ताक्षर का मामला

यह पहला मामला नहीं है, जब उत्तराखंड में सरकारी विभागों में फर्जी हस्ताक्षर से संबंधित घोटाले का खुलासा हुआ है। इससे पहले लोक निर्माण विभाग में भी प्रमोशन के दौरान फर्जी हस्ताक्षरों का मामला सामने आया था। खुद राज्य के लोक निर्माण विभाग मंत्री सतपाल महाराज ने इस मामले में अपने पर्सनल सेक्रेटरी के माध्यम से मुकदमा दर्ज करवाया था।

 
 
 

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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