Wednesday , 9 July 2025
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उत्तराखंड : एक जून से टिहरी डैम में होगा ये बड़ा काम, क्या होगा बिजली-पानी का संकट?

टिहरी: टिहरी डैम में पंप स्टोरेज प्लांट (PSP) का काम पूरा किया जाना है। इस काम को पूरा करने के लिए पानी के डिस्चार्ज को रोकना होगा। ऐसे में यह आशंकाएं जताई जा रही हैं कि टिहरी से लेकर देवप्रयाग और उसके आसपास के क्षेत्रों में पानी का संकट हो सकता है। लेकिन, टीएचडीसी ने पहले ही इस संकट से निपटने का प्लान तैयार कर लिया है।

THDC ने इसके लिए जल संस्थान और जल निगम को प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल पंपिंग योजनाएं स्थापित करने के लिए पहले ह बजट मुहैया करा दिया है। PSP का काम करीब एक माह तक चल सकता है। ऐसे में पानी की कमी रहेगी। लेकिन, गंगा की अविरल धारा को बनाए रखने के लिए THDC ने पानी छोड़ने का इंतजाम किया हुआ है।

इससे पेयजल की आपूर्ति पेयजल पंपिंग योजनाओं से आसानी से होता रहेगा। पानी का लेवल बम होने पर पंपित योजना के पंप को उसके अनुरूप सेट किया जा सकता है। ऐसे में पान की आपूर्ति कुछ कम जरूर होगी, लेकिन कोई बड़ी समस्या नहीं होगी है। वहीं, बिजली संकट गहराने के भी कोई आसार नहीं हैं।

टिहरी बांध में पहली जून से 15 जुलाई तक बिजली का उत्पादन बंद रह सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन (THDC) को पंप स्टोरेज प्लांट (PSP) के अंतिम चरण का काम करना है। यह काम पहली जून से प्रस्तावित है। इसके लिए टीएचडीसी प्रबंधन ने केंद्र सरकार से टिहरी बांध से पानी न छोड़े जाने की अनुमति मांगी है।

टिहरी बांध की क्षमता 2400 मेगावाट है। इसमें से एक हजार मेगावाट का टिहरी बांध, चार सौ मेगावाट का कोटेश्वर बांध संचालित हैं। इन दिनों एक हजार मेगावाट के पंप स्टारेज प्लांट का काम चल रहा है। अब इसका अंतिम चरण का काम किया जाना है। इधर, टिहरी बांध झील से पानी न छोड़े जाने की अनुमति मिलने पर भागीरथी नदी में भी जलस्तर काफी कम हो जाएगा। टीएचडीसी प्रबंधन का कहना है कि इस दौरान एक अन्य सुरंग से पांच क्यूमेक्स पानी भागीरथी नदी में छोड़ा जाएगा जिससे गंगा की अविरल धारा बनी रहे।

टिहरी बांध झील से भागीरथी नदी में पानी न छोड़े जाने की स्थिति में जून में नई टिहरी में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। जल संस्थान भागीरथी नदी से पानी लिफ्ट कर नई टिहरी में सप्लाई करता है। ऐसे में नदी का जलस्तर कम होने पर पेयजल आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। जल संस्थान का दावा है कि पेयजल संकट नहीं होगा। पानी को गहराई से लिफ्ट किया जाएगा और इसकी आपूर्ति सीमित की जाएगी।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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