Monday , 7 July 2025
Breaking News

उत्तराखंड : 11 साल से बच्चे को जिंदा निकल गया मगरमच्छ

खटीमा: खटीमा में दर्द ना घटना हुई है। यहां एक बच्चा भैंस को नदी में नहाने के लिए ले गया। दौरान उस पर मगरमच्छ ने हमला कर दिया और जिंदा ही निगल लिया। गोताखोरों ने मगरमच्छ को जाल में फंसाकर बाहर निकाला।

यह मामला रविवार का बताया जा रहा है। शाम तक ग्रामीण बालक को मगरमच्छ के पेट से बाहर निकालने की मांग पर अड़े थे।वन विभाग के आला अधिकारी, पुलिस और एसडीएम ने मगरमच्छ की मेडिकल जांच कराने का आश्वासन देकर ग्रामीणों को शांत कराया। र

विवार शाम करीब साढ़े तीन बजे यूपी सीमा से सटे ग्राम मेहरबाननगर निवासी मीना देवी पत्नी स्व. शोभा प्रसाद का 11 वर्षीय पुत्र वीर सिंह भैंस चराने देवहा नदी किनारे गया हुआ था।

अचानक भैंस देवहा नदी में घुस गई। वीर सिंह उसे बाहर निकालने के लिए नदी में कूद गया। इसी बीच नदी में एक मगरमच्छ ने बालक वीर सिंह पर हमला कर उसे पानी में गहराई तक खींच लिया। बताया जा रहा है कि मगरमच्छ वीर सिंह को जिंदा निगल गया।

आसपास काम कर रहे लोगों ने जब वीर सिंह की चीखपुकार सुनी तो वो घटनास्थल की ओर दौड़ पड़े। जब तक ग्रामीण कुछ समझ पाते मगरमच्छ पानी में गहराई की ओर चला गया। घटना की सूचना पर बच्चे की माता के साथ कई ग्रामीण मौके पर पहुंच गए। ग्रामीण गोताखोरों ने बहादुरी दिखाते हुए रस्सी का जाल लेकर नदी में कूद गए। घंटों की मशक्कत के बाद गोताखोर मगरमच्छ को जाल में फंसाकर पानी से बाहर खींच लाए।

सूचना पर खटीमा वन विभाग के प्रशिक्षु आईएफएस डी. नायक, वन क्षेत्राधिकारी राजेंद्र सिंह मनराल और अन्य वन कर्मचारी भी मौके पर पहुंच गए। एसडीएम रविंद्र सिंह बिष्ट ने भी घटनास्थल का मुआयना किया।

यहां ग्रामीणों ने पानी से बाहर निकाले गए मगरमच्छ के पेट से बच्चे को बाहर निकालने की मांग शुरू कर दी। इसको लेकर ग्रामीणों की पुलिस से घंटों बहस हुई। खटीमा कोतवाल नरेश चौहान ने लोगों से बातचीत कर मगरमच्छ का मेडिकल परीक्षण कराने का आश्वासन दिया, तब जाकर लोग राजी हुए।

ग्रामीणों की सहायता से मगरमच्छ को जाल में बांधकर खटीमा ले जाया गया। इधर, घटना के बाद से बालक वीर सिंह की मां मीना देवी का रो-रोकर बुरा हाल है। बालक के पिता की मृत्यु काफी समय पहले हो चुकी है। मीना मजदूरी करके परिवार चलाती हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.
error: Content is protected !!