Monday , 16 June 2025
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उत्तराखंड : जिसने भी सुना दंग रह गया, आखिर 13 साल की बच्ची ऐसा कैसे कर सकती है?

रुद्रपुर: बदलते दौर के बच्चे कुछ ज्यादा ही समझदार हो चले हैं। बच्चे अपनी उम्र से ज्यादा की चीजों के बारे में सोच ले रहे हैं। ऐसी-ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं, जिनके बारे में सोचकर भी डर लगने लगता है। यह डर उन माता-पिता के लिए है, जिनके बच्चे 12-13 साल या फिर उससे ज्यादा उम्र के हैं।

रुद्रपुर में एक बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जिस उम्र में बच्चों को केवल खेलने से मतलब होता है। आखिर उस उम्र में कोई अपनी जान कैसे दे सकता है। यह बिल्कुल सच है। रेलवे स्टेशन के नजदीक बीती रात सातवीं कक्षा की छात्रा महज 13 साल की वंदना ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी।

वंदना ट्रांजिट कैंप शिव नगर में रहती थी। उसने रानीखेत एक्सप्रेस के आगे कूद कर जान दे दी। ट्रेन ड्राइवर ने घटना को साफ देखा। किशोरी रात करीब आठ बजे घर से बिना बताए कहीं चली गई थी। उसकी खोजबीन शुरू रात में ही शुरू कर दी गई थी।

पुलिस को देर रात करीब दो बजे पता चला की एक बच्ची ने ट्रेन के आगे कूदकर अपनी जान दे दी है। परिजनों को भी पुलिस से ही पता चला कि उसका शव रेलवे ट्रैक पर मिला है। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।

पिता तेजपाल का कहना है कि मूल रूप से भोजीपुरा जिला बरेली का रहना वाला है। 10 जून को शहर में मजदूरी करने के सिलसिले से शहर में परिवार ले कर आया था। उसके चार बच्चे हैं। उसका कहना है की घर में कोई लड़ाई झगड़ा नहीं हुआ। न ही कभी बच्ची को डांटा। इस घटना से वह भी हैरान है।

इस घटना के बाद से परिवार सदमें हैं। वो समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि बच्ची ने ट्रेन के आगे कूदकर जान ले दी। इस घटना के बारे में जिसने भी सुना वो दंग रह गया। आखिर कैसे इतनी छोटी उम्र में बच्ची ने इतना खौफनाक कदम उठा लिया। क्या वो किसी मानसिक तनाव से तो नहीं जूझ रही थी? क्या किसी ने उसको डराया-धमकाया तो नहीं था? इसी तरह के कई सवाल उठ रहे हैं, जिनका जवाब जांव के बाद ही मिल पाएगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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