उत्तरकाशी में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा शान्ति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया गया है, जिससे जनपद अन्तर्गत शान्ति एवं कानून व्यवस्था भंग होने की सम्भावना को देखते हुए जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-163 के अन्तर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक अग्रिम आदेशों तक जनपद उत्तरकाशी निषेधाज्ञा लागू करने के निर्देश दिए हैं।
इन शर्तों का करना होगा पालन
- निषेधाज्ञा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति लाठी, डण्डा, चाकू, भाला आदि किसी भी प्रकार का धारदार हथियार अथवा अग्नेय शस्त्र लेकर सीमान्तर्गत प्रवेश नहीं कर सकेगा। शान्ति व्यवस्था हेतु तैनात सुरक्षाकर्मी, राजकीय ड्यूटी में लगे शिथिलांग/विकलांग कर्मचारी जिन्हें चलने हेतु डण्डे की आवश्यकता होती है, इस प्रतिबंध से मुक्त रहेगे।
- निषेधाज्ञा क्षेत्र में 05 या 05 से अधिक व्यक्तियों के एकत्रित होने पर पूर्णतः प्रतिबन्ध होगा।
- निषेधाज्ञा सीमान्तर्गत जनसभा/जुलुस रैली तथा सार्वजनिक बैठक करने पर प्रतिबन्ध होगा।
- निषेधाज्ञा क्षेत्र में किसी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यन्त्रों आदि के प्रयोग पर पूर्णतः प्रतिबन्ध होगा।
- निषेधाज्ञा क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति किसी के प्रति अपमानजनक भाषा या गाली गलौच या भड़काने वाले शब्दों का प्रयोग नहीं करेगा और न ही ऐसे नारे लगायेगा, जिससे किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचे या शान्ति भंग होने की सम्भावना हो।
- निषेधाज्ञा क्षेत्र में ज्वलनशील पदार्थ हथियार तथा ऐसी कोई सामग्री परिवहन/रखने पर प्रतिबन्ध होगा, जिससे मानव जीवन अथवा सार्वजनिक सम्पत्तियों को क्षति पहुँचायी जाती है।
- निषेधाज्ञा क्षेत्र में पांच से अधिक व्यक्ति एकत्रित नही होगें और न कोई सभा अथवा सार्वजनिक बैठक और न ही नारे आदि लगा सकेंगे।
- कोई भी व्यक्ति उक्त वर्णित सीमान्तर्गत ऐसी कोई सामग्री अपने पास लेकर प्रवेश नहीं कर सकेगा अथवा ऐसी कोई गतिविधि नहीं करेगा, जिससे शान्ति एव कानून व्यवस्था पर किसी भी प्रकार का प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हो।
- सोशल मीडिया एवं इलेक्ट्रॉनिक के माध्यम से किसी भी प्रकार की अफवाहें/भ्रामक सूचनाएँ/प्रचार-प्रसार एवं व्यक्ति विशेष समुदायों के बीच साम्प्रदायिक, पारस्पारिक द्वेष भावना अथवा लोक अशान्ति फैलाने के प्रयास निषेध किये जाते है।
- सांस्कृतिक, राजनैतिक इत्यादि अन्य किसी प्रकार के कार्यक्रम आयोजित नही करेगे।
- निषेद्याज्ञा का उल्लंघन धारा-223 बीएनएसके के तहत दण्डनीय अपराध होगा।
क्या है धारा 163
भारत में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (धारा 163) को एक जुलाई 2023 में लागू किया गया था। दरअसल, पहले इसे भारतीय दंड संहिता (Criminal Procedure Code) 144 के नाम से जाना जाता था। धारा 163 के तहत देश या किसी भी राज्य में आपातकालीन स्थिति व किसी बड़ी परेशानी पर नियंत्रण किया जा सकता है।
कैसे होती है धारा 163 की कार्रवाई
अगर देश या किसी भी राज्य में अब धारा 163 लागू की जाती है तो सार्वजनिक स्थान पर इट्ठा होने पर रोक लग जाती है। ऐसे स्थिति में विरोध प्रदर्शन पर भी रोक लगा दी जाती है। लेकिन अगर कोई ऐसे में प्रदर्शन करता है तो प्रशासन की ओर से उनके खिलाफ एक्शन लिया जा सकता है।
जिला मस्जिट्रेट तुरंत ले सकते हैं एक्शन
समझ लीजिए अगर आपके शहर में धारा 163 लागू की गई है। लेकिन उसका उल्लंघन करके कोई सार्वजनिक स्थान पर इट्ठा होते हैं या फिर धरना प्रदर्शन करते हैं तो जिला मस्जिस्ट्रेट तुरंत एक्शन ले सकते हैं। उन्हें इस धारा के तहत कार्रवाई करने की पूरी शक्ति प्रदान है।