…दिगबीर बिष्ट
उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले में उपला टकनौर क्षेत्र के लोगों पर सरकार पहरा लगाने लगी है। जल-जंगल और जमीन को सुरक्षित रखने के साथ उसका हक हकूक भी ग्रामीणों को ही रहा है, लेकिन सरकार और वन विभाग उस पर सरकारी पहला लगाने के लिए ही लोगों से उनके अधिकारी छीनने की तैयारी में है। इसकी सुगबुगाहट लगते ही जन प्रतिनिधि मुखर और सतर्क हो गए हैं।
उपला टकनौर के ग्राम प्रधानों ने भटवाड़ी ब्लाॅक प्रमुख से अपनी समस्या साझा की, जिसके बाद दस मसले पर वन विभाग के अधिकारियों से बात भी की। ग्राम प्रधानों का कहना है कि वन विभाग उन पर अपने कानून थोपने की तैयारी में है। अगर ऐसा हुआ तो लोग अपने गांव के आसपास के जंगलों में अपनी भेड़-बकरी और दूसरे जानवरों को नहीं चुगा पाएंगे। इसके लिए उनको सरकार से परमिट लेना होगा।
प्रमुख विनीता रावत ने कहा की यह व्यवस्था होती है, तो पूरी तरह गलत होगा। डीएफओ का कहना है कि अगर गांव की परिधि से 8 किलोमीटर के दायरे से बाहर जाएंगे, तो उसके लिए प्रावधान किया गया है। शासनादेश भी जारी हो चुका है। प्रमुख विनीता रावत ने कहा कि आप लोग परमिट जारी पहले ही कर दे रहे हैं साथ ही भेड़ पालकों से जो भेड़ बकरी का पैसा है, वह भी पहले ही जमा करवा रहे हैं।
स्थिति यह है कि वन विभाग भेड़-बकरी पालकों से पहले ही परमिट का शुल्क जमा करवा रहे हैं। पहले दूसरे क्षेत्र के जंगलों में जाने पर परमिट लेना होता था, लेकिन नई व्यवस्था के तहत सभी को लेना पड़ रहा है। जबकि भेड़-बकरियां 6 किलोमीटर के दायरे से बाहर चरान-जुगान के लिए गई भी हैं या नहीं। इसकी जांच के लिए भी कोई मानक नहीं हैं।