बड़कोट : पॉलीटेक्निक संविदा शिक्षक सरकार के झूठे आश्वासनों से अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। इससे पॉलीटेक्निक संविदा शिक्षकों के सब्र का बांध अब टूटने लगा है। संबिदा पॉलीटेक्नि संविदा शिक्षकों ने सरकार को मांगों पर जल्द अमल नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
संविदा शिक्षक पिछले करीब 10 से 12 सालों से लगातार प्रदेश के विभिन्न राकीय पॉलीटेक्निक में संस्थानों में कार्यरत हैं। राज्यभर के करीब 200 पॉलीटेक्निक संविदा शिक्षकों को सरकार ने 2018 में बिना किसी लिखित आदेश और कारण के हटा दिया था, जिस कारण संविदा शिक्षकों को लगातार बेरोजगारी का सामना करना पड़ रहा है।
संविदा शिक्षकों ने कई बार मुख्यमंत्री, मंत्री, विभागीय अधिकारियों से मुलाकात कर समस्या के समाधान की मांग। उनको अर बार आश्वासन तो दिया गया, लेकिन उनकी मांगों पर कभी अमल नहीं किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कमान संभालने के बाद पहली ही बैठक में पॉलीटेक्निक संविदा शिक्षकों की सेवाएं बहाल करने का वादा किया था, लेकिन अब तक उन्होंने अपना वादा निभाया नहीं हैं।
विभागीय अधिकारियों ने संविदा शिक्षकों को बहाल करने के बजाय कार्मशाला अनुदेशकों के 125 पदों पर विज्ञप्ति जारी कर दी। संविदा शिक्षकों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि संविदा शिक्षकों का जल्द समायोजित नहीं किया जाता है, तो उनको आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। दिनेश नौटियाल, हनुमंत बिष्ट, महेश भट्ट, प्रदीप जोशी का कहना है कि सरकार बार-बार उनके साथ छलावा कर रही है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।