Friday , 22 November 2024
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विधायक छाप सैनिटाइजर…भाई गजब है!

सुनो गांव वालों कोरोना के मामले कम हो गए हैं…। घरों से बाहर निकलो…तुम्हारे खेवनहार और पालनहार नेता जी आ रहे हैं…। आपकी सुरक्षा के लिए साथ में सैनिटाइजर की बोतल और मास्क लाए हैं…। इनसे आप अमर भी हो सकते हैं…। बरसात भी आ गई…आपको पता तो होगा ही बरसात में मेंढक भी टरटराते ही हैं…। आपकी मर्जी…इनको जो भी समझ लो…।

कोरोना काल में जब गांव में संकट कम हो रहा है…। नेता जी गांव आ रहे हैं…। इन दिनों गांवों में नेता जी के दूत खूब घूमते नजर आ रहे हैं…। बेचारे गांव वाले इतने भयंकर संकट में अपने दम पर सुरक्षित रहे…। अब खतरा टल गया है…तो नेता जी भी प्रकट हो गए…। है ना गजब का फार्मूला…। जनता को मूर्ख बनाने का अचूक…फार्मूला।

 

बात अपनी विधानसभा की करते  हैं…। उत्तराखंड की एक नंबर विधानसभा…। कृप्या इस नंबर वन को…विकास में नंबर वन समझने की भूल ना करें…। हमारे नेता जी खुद कभी नजर नहीं आए…। आजकल उनकी बोतल जरूर गांव-गांव नजर आ रही है…। सैनिटाइजर आपने कई तरह के देखे होंगे…लेकिन, आजकल विधायक छाप सैनिटाइजर काफी नजर आ रहा है…। कुछ महीने और रुक जाओ…तो मास्क भी विधायक छाप…, विकास पुरुष छाप आने लगेंगे…। समझ तो अप गए ही होंगे…।

वैसे विधायक छाप सैनिटाइजर आजकल खूब चर्चाओं में है…। वैसे संगठन ही सेवा मिशन भी चल रहा है…। सेवा तो ठीक है…लेकिन मिशन वोटों का है…। चोहे पांजा मारो या फूल देकर ऑफ़र दो…। सेवा कम वोट मिशन ज्यादा…। बहरहाल…चर्चा विधायक छाप सैनिटाइजर की हो रही थी…।

अगर सेवा ही करनी थी…तो फिर प्रचार क्यों ? कब तक इस तरह की ठगी करेंगे ? कब तक 4 साल की गुमशुदगी के बाद नेता ऐसे प्रकट होते रहरेंगे ? ये कहानी किसी एक नेता की नहीं लगभग सभी नेताओं की है…। केवल उत्तराखंड के नेताओं की नहीं…देशभर के नेताओं की है…। सबसे बड़े प्रधान भी घर में कैद थे…। अब प्रकट हो चले हैं। पंचायत वाले प्रधान जी…बेमतलब नाराज मत होइएगा…। वैसे अब कोरोना की रफ्तार पर ब्रेक लग गया है…वैक्सीन सेंटर बंद हो रहे हैं…। कहीं…आप ये ना समझें कि वैक्सीन का कमाल है…। ये महामारी होती ही ऐसी है…। तूफान के जैसे आई…और पीछे अपने निशान छोड़कर चली गयी…।

-प्रदीप रावत (रवांल्टा)

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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