बड़कोट : उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी की ओर से गूगल मीट के जरिये एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें नए सत्र-2020 में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों के लिए एक गाइडलाइन लाइन जारी की गयी। मुक्त विश्वविद्यालय के एडमिशन प्रभारी डॉ. मदन मोहन जोशी ने प्रवेश संबंधी जानकारियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि फॉर्म भरते समय प्रत्येक विद्यार्थी यह सुनिश्चित करें कि उसके पास आईडेंटिटी प्रूफ के तौर पर अपना आधार कार्ड हो, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर हो और खुद कीएक ई-मेल आईडी होनी जरूरी है। सभी जानकारियां प्रवेश फार्म में भरनी अनिवार्य हैं।
विद्यार्थियों तक पाठ्यक्रम को पहुंचाने पर जोर
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के क्षेत्रीय सेवा के निदेशक प्रोफेसर गिरजा पांडे ने ई-काउंसलिंग के माध्यम से पंजीकृत विद्यार्थियों तक पाठ्यक्रम को पहुंचाने पर बल दिया। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि अधिकांश अध्ययन केंद्रों में लॉकडाउन के पश्चात ई-काउंसलिंग को लेकर उदासीनता देखी गई। परीक्षा प्रभारी प्रोफेसर पंत ने आगामी परीक्षा के संचालन के संबंध में कहा कि लॉकडाउन की समाप्ति के बाद ही उच्च स्तर से प्राप्त निर्देशों के आधार पर परीक्षाओं का संचालन किया जाएगा। राजकीय महाविद्यालय बड़कोट स्थित अध्ययन केंद्र के काॅर्डिनेटर इतिहास विभागाध्यक्ष डाॅ. विजय बहुगुणा ने बताया कि आॅनलाइन सत्रीय कार्य होने से छात्रों को बड़ी राहत मिलेगी। साथ ही उनको कोरोना के खतरे से भी बचाया जा सकेगा।
ऑनलाइन सत्रीय कार्यों को जमा करेंग
फिलहाल संभावित तिथि 6 जुलाई निर्धारित की गई थी। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ओ.पी.एस. नेगी ने कहा कि लॉकडाउन की इस अवधि में विद्यार्थियों तक पाठ्यक्रम पहुंचाना हमारा नैतिक दायित्व है। उन्होंने अध्ययन केंद्रों के समन्वयकों से कहा कि वे अनिवार्य रूप से ई-काउंसलिंग लेना सुनिश्चित करें। परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर पी.डी. पंत ने सत्रीय कार्य और परीक्षा के संबंध में दिशा निर्देश जारी किए।
बहुविकल्पीय प्रश्नों की एक परीक्षा
उन्होंने कहा कि अगले सत्र से सभी पंजीकृत विद्यार्थी ऑनलाइन सत्रीय कार्यों को जमा करेंगे। विद्यार्थी से ऑनलाइन बहुविकल्पीय प्रश्नों की एक परीक्षा ली जाएगी। जिसके आधार पर असाइनमेंट के अंक तय किए जाएंगे। पंजीकृत विद्यार्थियों को अध्ययन केंद्रों में जाकर सत्रीय कार्य जमा करने की आवश्यकता नहीं है। सगूगल मीट में सभी अध्ययन केंद्रों के केंद्रों समन्वयक क्षेत्रीय निदेशक और विश्वविद्यालय से जुड़े आला अधिकारी मौजूद रहे।