उत्तरकाशी: दीपावली के दिन से नवयुगा कंपनी की लापराही से सिलक्यारा 41 जिंदगियां टनल के भीतर कैद हैं। इन मजदूरों को बचाने के लिए पिछले नो दिनों से लगातार प्रयास चल रहे हैं, लेकिन अब तक रेस्क्यू के लिए बनाए गए सभी प्लान पूरी तरह से फेल हो गए हैं। हालांकि, सरकार की रेस्क्यू एजेंसियां लगातार काम पर जुटी हैं।
टनल में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए रोबोटिक्स मशीन सिलक्यारा सुरंग स्थल पहुंच गई है। बीतते वक्त के साथ खतरा बढ़ता जा रहा है, जिसके चलते रेस्क्यू ऑपरेशन में तेजी लाई जा रही है। टनल के ऊपर ड्रिलिंग के लिए जगह चुन ली गई है। 1.2 मीटर डायमीटर की ड्रिल होगी। जिसका सेटअप अगले 24 घंटे में होने की संभावना है। अब दो से तीन दिन में ड्रिल पूरी हो सकेगी।
अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नाेल्ड डिक्स भी आज उत्तरकाशी पहुंचे। उन्होंने यहां निरीक्षण करने के बाद कहा कि हम श्रमिकों को बाहर निकालने ने की कोशिश में जुटे हैं। कहा कि मेरे साथ हिमालय भूविज्ञान के सर्वश्रेष्ठ विशेषज्ञ हैं। हमें तुलना करने की आवश्यकता है। हमने यहां सुरंग के ऊपर जो देखा है और जो हम जानते हैं कि सुरंग के अंदर क्या हो रहा है।
हम उन 41 लोगों को बचा रहे हैं और ऐसा करते समय हम किसी को भी चोट नहीं पहुंचने देंगे। यह किसी भी जटिल काम की तरह है। जहां हमें चारों ओर ऊपर से नीचे तक देखना होता है। यहां की टीम बचाव पर इतना ध्यान केंद्रित कर रही है और इतना ध्यान केंद्रित कर रही है कि किसी और को चोट न पहुंचे।