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बड़कोट पेयजल संकट पर राजनीति।
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वर्तमान विधायक और पूर्व विधायक आमने-सामने।
बड़कोट: नगर पालिका बड़कोट में पेयजल संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। बड़कोट नगर पालिका के लोग पिछले 15-16 दिनों से तहसील में धरना दे रहे हैं। लगातार सरकार से पेयजल पंपिंग योजना स्वीकृत करने की मांग कर रहे हैं। पंपिंग योजना के साथ ही वैकल्पिक व्यवस्था की भी मांग की गई है। पानी के लिए लोग लगातार सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अब इस मामले में राजनीति भी शुरू हो गई है।
पूर्व विधायक केदार सिंह रावत धरना स्थल पर नजर आए थे। उनका एक बयान भी सामने आया है, जिसमें उन्होंने पेयजल पंपिंग योजना की डीपीआर तैयार होने का दावा किया है। साथ ही नलकूप का काम जल्द शुरू होने की बात भी कही है। उन्होंने अपने बयान में यह भी बताया कि उनके विधायक रहते योजना स्वीकृत हो गई थी, लेकिन कोरोना काल के दौरान योजना फिर ठंडे बस्ते में चली गई।
योजना के लिए जो डीपीआर तैयार की गई थी, वह भी बहुत अधिक बजट की बनाई गई थी। जिसके बाद शासन ने इस पर नए सिरे से डीपीआर बनाने के निर्देश दिए थे। उन्हांेने बताया कि अब नई डीपीआर बनकर तैयार हो गई है। सीएम पुष्कर सिंह धामी और सचिव अरविंद सिंह हृयांकी से भी वार्ता हो चुकी है, जल्द ही पेयजल समस्या का समाधान हो जाएगा।
पूर्व विधायक के इस बयान के बाद अब मौजूदा विधायक संजय डोभाल ने भी बयान जारी किया है। अपने बयान में उन्होंने कहा है कि नगर पालिका पेयजल संकट का जल्द समाधान हो जाएगा। पूर्व विधायक और नजर पालिका अध्यक्षों को निशाने पर लेते हुए संजय डोभाल का कहना है कि पूर्व प्रतिनिधि बताएं कि अपने कार्यकाल में उन्होंने इस समस्या का समाधान क्यों नहीं कराया? हालांकि, पूर्व विधायक केदार सिंह रावत ने अपने बयान में यह बात भी साफ कर दी कि कोरोना काल के दौरान योजना पर काम आगे नहीं बढ़ पाया। बजट स्वीकृत हो चुका था। जमीन भी अध्यापित कर दी गई थी।