उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिला पंचायत हमेशा से ही चर्चाओं में रही है। जिला पंचायत की कुर्सी पर जो भी बैठता है, उसका किसी ना किसी रूप में आरोपों से नाता जुड़ ही जाता है। कहा यह भी जाता है कि उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर जो भी नेता बैठा, उनका राजनीतिक सफर कुछ ज्यादा नहीं चल पाया। अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठने का मतलब विवादों से घिरना। हालांकि, कुछ अध्यक्ष निर्विवाद भी रहे हैं। ताजा मामला जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण से जुड़ा है। उनके खिलाफ कुर्सी संभालने के एक साल के भीतर ही आरोप लगने शुरू हो गए थे।
लेकिन, आरोपों को लेकर पहली बार एक्शन विधानसभा चुनाव में उनके कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने के ऐलान के तुरंत बाद हुआ। उनको पद से हटाने का आदेश जारी किया गया। हालांकि, दीपक को कोर्ट से बड़ी राहत मिली और उनको बहाल कर दिया गया। कुछ दिनों तक मामला शांत रहा। इस बीच दिसंबर 2022 में एक बार फिर से जिला पंचायत सदस्यों ने भाजपा मुख्यालय में धरना दिया और एसआईटी की जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने की मांग की गई। सरकार ने नए साल 2023 में दीपक बिजल्वाण के खिलाफ कार्रवाई का आदेश जारी कर एफआईआर दर्ज करने के बाद मुकदमा भी दर्ज कर दिया।
यहीं से एक नई बहस शुरू हो गई है। दीपक बिजल्वाण के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज की गई थी। उसके अनुसार उन पर, कर्मचारियों और ठेकेदारों के खिलाफ 19 लाख रुपये गबन का आरोप लगाया गया है। जबकि, जिला पंचायत सदस्य, जिनमें से नौकरी माफिया हामक सिंह रावत अब सलाखों के पीछे हैं और उनके साथियों ने 60 करोड़ से अधिक के गबन का आरोप लगाया था। उनका आरोप किसी कर्मचारी और ठेकेदार पर नहीं थी। बल्कि, निशाने पर सीधेतौर पर दीपक बिजल्वाण थे। लेकिन, जो मुकदमा दर्ज किया गया है। उसमें कर्मचारी और ठेकेदार भी शामिल हैं।
इस बीच दीपक बिजल्वाण ने उनके खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमें पर फेसबुक पर एक लंबी पोस्ट लिखी है। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा है कि इनका झूठ हमारे सत्य को मजबूत बना भी रहा है और दिखा भी रहा है। दीपक ने एक बार फिर दोहराया है कि किसी तरह की कोई वित्तीय अनियमितता नहीं हुई है। उन्होंने आगे लिखा कि जो मेरे ऊपर मुकदमा दर्ज किया है उसकी कॉपी रख रहा हूं, जिसमें 19 लाख रुपये की अनियमितता का आरोप लगाया है और मैं आपके सम्मुख अखबारों की कटिंग भी पेश कर रहा हूं जिसमें करोड़ों के गबन की बात लिख मीडिया ट्रायल करवा कर मुझे और आपकी जिला पंचायत उत्तरकाशी को बदनाम करने का प्रयास किया जा रहा है।
साथियों आप सभी को याद ही होगा कैसे पंचायती आईपीएल के खिलाड़ियों ने अपने निजी स्वार्थ व नकारात्मक राजनीति से प्रेरित होकर मेरे व जिला पंचायत उत्तरकाशी द्वारा किये जाने वाले विकास कार्यों को रोकने के लिए 48 कभी करोड़ तो कभी 60 करोड़ के घोटाले के आरोप भी लगाए गए थे। लेकिन, आज जब एफआईआर दर्ज की गई तो 19 लाख का दोषी बताया गया है। कहा कि आश्वस्त करना चाहता हूं कि सम्पूर्ण जांच के बाद 1 पैसे की भी वित्तीय अनियमितता नहीं पायी जाएगी।
साथियों इस मुकदमें में 19 लाख की अनियमितता के आरोप लगाए गए हैं वो भी किसी भी जांच रिपोर्ट में उसकी पुष्टि नहीं होती है। जल्द जिला अधिकारी, कमिश्नर और एसआईटी की सभी रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी। ताकि आप भी इसकी जांच कर सकें। सम्पूर्ण सच सामने आने पर एक नए पैसे की भी वित्तीय अनियमितता जिला पंचायत के कार्यों में नहीं पाई जाएगी।
ऐसे समय में जब मैं और मेरे जिला पंचायत के साथी हमारे उत्तरकाशी जनपद के भव्य और ऐतिहासिक मेले की तैयारी में जुटे हैं ये पंचायती पचस के खिलाड़ी अब निजी एवं राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति हेतु इस मेले को भी बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं
लेकिन बाबा काशी विश्वनाथ, बाबा कंडार, हरिमहाराज एवं आप सब की आस्था इनके नापाक इरादों को पूरा नहीं होने देगी।
आप देख ही रहे होंगे कि कैसे अखबारों व अन्य मीडिया में आरोपों को बढ़ा चढ़ा कर पेश किया जा रहा है इस हेतु आप सभी से मैं अपने सोशियल अकाउंट से मुखातिब हो रहा हूं और आगे भी इसी के माध्यम से आप सब से जुड़ा रहूंगा और सत्य सामने रखूंगा। एक बार पुनः मैं अपने साथियों और शुभचिंतकों को आश्वस्त करता हूं कि आपका दीपक पहले भी सच के साथ खड़ा था, खड़ा है और हमेशा सच के साथ खड़ा रहेगा।
इनके एक और झूठ ने इनके ही पहले वाले बड़े झूठ का पर्दाफाश किया है और आने वाले समय में जब जांच पूरी होगी एक भी पैसे की वित्तीय हानि नहीं होगी। शासन प्रशासन को भरोसा दिलाता हूं कि पूर्व की भांति आज भी और आगे भी हर जांच में सहयोग करूंगा।