Friday , 22 November 2024
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उत्तरकाशी में कम नहीं हो रहे संकट, सिलक्यारा के पास एक और टनल बनी बड़ा खतरा!

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे के बाद पूरी दुनिया में सुर्खियों में बना रहा। सिलक्यारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को भले ही बचा लिया गया हो। सरकार ने इसकी जांच के भी निर्देश दे दिए हैं। लेकिन, अब एक और खतरा पैदा हो गया है। यहां एक सुरंग से पानी का रिसाव हो रहा है। इससे सिंचाई की नहर व जमीनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ग्रामीण डर के साये में जी रहे हैं। उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (UJVNL) का कहना है कि सुरंग के उपचार का काम लगातार जारी है।

मनेरी भाली-2 परियोजना की 16 किलोमीटर लंबी सुरंग है। इस सुरंग से पानी जाता है, जिसके बाद धरासूं में बिजली का उत्पादन होता है। धरांसू बैंड के निकट महरगांव में सुरंग से दो साल पहले पानी का रिसाव शुरू हुआ था जो धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है।

यूजेवीएनएल इसके उपचार पर अब तक करोड़ों खर्च कर चुका है, लेकिन रिसाव नियंत्रण में नहीं आ रहा है। महरगांव के प्रधान सुरेंद्रपाल का कहना है कि दो साल से यहां पानी का रिसाव काफी तेजी से बढ़ रहा रहा है। गांव वालों की सिंचाई नहर व करीब 10 नाली भूमि क्षतिग्रस्त हो गई है। जगह-जगह भू-कटाव हो रहा है। सुरंग के ऊपर गांव चमियारी को भी बरसात में नुकसान पहुंच सकता है।

सुरंग के ऊपर की ओर से महरगांव से एक-दो किमी दूर यह रिसाव हो रहा है। 304 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाले इस प्रोजेक्ट की सुरंग से भविष्य के नुकसान को लेकर ग्रामीण और अधिक आशंकित हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इस सुरंग का उपचार तत्काल कराया जाए, ताकि उन्हें नुकसान से निजात मिल सके।

UJVNL के MD संदीप सिंघल का कहना है की कभी-कभी सुरंग से रिसाव हो सकता है। मनेरी भाली की सुरंग से रिसाव का लगातार उपचार किया जा रहा है। जिन ग्रामीणों को नुकसान हुआ, उन्हें मुआवजा भी दिया गया है। हमारे विशेषज्ञ इसके उपचार में जुटे हुए हैं। जल्द ही कोई नतीजा निकलेगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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