Tuesday , 11 November 2025
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उत्तराखंड: ‘दीपक’ को नहीं बुझा पाया विरोधियों का षड्यंत्र, SIT जांच में भी ‘बेदाग’

उत्तरकाशी: उत्तराखंड की राजनीति में उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण एक ऐसा नाम है, जो सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहे। जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी संभालने के करीब डेढ़ साल बाद ही उनके राजनीतिक विरोधी उनको पद से हटाने की जुगत में लग गए थे।

उन पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लगाए गए। DM से लेकर कमिश्नर और प्रदेश स्तर तक की SIT जांच का सामना किया। उनको पद से हटा दिया गया। लेकिन, दीपक हाई कोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक हर जगह बेदाग साबित हुए।

इसके बाद भी जब विरोधी संतुष्ट नहीं हुए तो एक बार उत्तरकाशी कोतवाली में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच SIT को सौंपी गई। SIT की इस जांच रिपोर्ट में एक बार फिर से दीपक बेदाग निकले। SIT ने मामले में फाइनल रिपोर्ट (FR) लगा दी है, जिसे न्यायालय ने भी स्वीकार कर लिया है।

दीपक के जांच में बेदाग निकालने के बाद जहां उनके विरोधियों को तगड़ा झटका लगा है, वहीं दीपक बिजल्वाण का राजनीतिक कद बढ़ना भी तय है। जिला पंचायत अध्यक्ष का कहना है कि उनको सरकार पर, सरकार हर जांच पर और न्यायालय पर पूरा भरोसा था।

उनका कहना है कि जब से उनके खिलाफ राजनीतिक विरोधियों ने षड्यंत्र रचा और उनको फंसाने की हर संभव कोशिश की। उन्होंने हर जांच का सामना किया। हर जांच में पूरा सहयोग दिया, जब भी उनको षड्यंत्र के तहत पद से हटाने का प्रयास किया गया। न्यायालय से उनको हर बार जीत मिली।

उनका कहना है कि कमिश्नर की जांच से लेकर SIT की जांच तक पूरा सहयोग जांच में दिया गया। उनका कहना है की जो षड्यंत्र उनके खिलाफ रचा गया, वह उनकी राजनीतिक हत्या करने के लिए एक प्रयास था कि किसी तरह दीपक बिजल्वाण को राजनीति में आगे न बढ़ने दिया जाए।

लेकिन, मेरी ईमानदारी और सच्चाई का नतीजा आज सबके सामने है। दीपक ने कहा कि उनका लक्ष्य जिले के विकास को तेज गति से आगे बढ़ने का है, जिसमें वह आज भी लगातार जुटे हुए हैं।

दीपक बिजल्वाण कांग्रेस के टिकट से यमुनोत्री विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा। उनके नामांकन के ठीक एक दिन पहले उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में बड़ा एक्शन लिया गया था। दीपक को सरकार ने पद मुक्त करने के आदेश तक जारी कर दिए थे।

जिसका असर कहीं ना कहीं उनके कैंपेनिंग पर भी पड़ा और चुनाव परिणाम भी उनके खिलाफ आए। विरोधियों ने उनपर लगे आरोपों को आधार बनाया। चुनाव के दौरान फर्जी मीडिया ट्रायल भी चलाए गए। जिसके चलते बिजल्वाण को काफी नुकसान उठाना पड़ा।

लेकिन, अब जिस तरह से बिजल्वाण को क्लीनचिट मिली है। उससे जनता की बीच अच्छा संदेश जाएगा। राजनीति में भी उनको इसका लाभ मिलना तय है। आने वाले दिनों में दीपक बिजल्वाण उनको मिली क्लीनचिट को जनता के बीच भी लेकर जाएंगे। उनके विरोधियों के पास भी अब और कोई हथियार नहीं बचा है। सरकार ने भी अपना कर्तव्य निभाया। जितनी भी शिकायतें की गई, सभी में जांचें भी हुई। हर जांच में दीपक को क्लीनचिट भी मिलती चली गई और बेदाग साबित हुए।

इससे जिले की विकास योजनाओं को भी रफ्तार मिलेगी। भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते कहीं ना कहीं दीपक बिजल्वाण से कई बड़े नेता भी किनारा करते नजर आते थे। पंचायतीराज विभाग के मंत्री और सचिव से लेकर अधिकारी उनसे दूरी बनाए नजर आते। हाल ही में पंचायतीराज विभाग के पूर्व निदेशक ने भी उनपर लगे आरोपों का सहारा लेकर खुद पर लगे आरोपों से बचने का प्रयास किया था।

अब क्लीनचिट के बाद जहां दीपक के तेवर बदले हुए नजर आ सकते हैं। वहीं, अधिकारियों से लेकर सरकार तक का नजरिया भी बदला-बदला नजर आएगा, जिसका सीधा और सकारात्मक असर विकास कार्यों पर भी नजर आएगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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