बड़कोट : 2011 में तत्कालीन बीजेपी की निशंक सरकार द्वारा उत्तरकाशी से यमुनोत्री, गढ़वाल से कोटद्वार, अल्मोड़ा से रानीखेत और पिथौरागढ़ से डीडीहाट को पृथक जनपद बनाने की घोषणा की थी।
लेकिन, आज 10 साल बीतने के बाद भी घोषित उक्त चारों पृथक जनपद अपने अस्तित्व में नही आ पाये हैं। जिससे क्षेत्र के लोगों में सरकार की बेरुखी के कारण भारी आक्रोश है। जिले को अस्तित्व में लाने की मांग अब यमुनाघाटी क्षेत्र के लोगों तेज कर दी, जिसकी शुरुआत मशाल जुलूस निकाल कर कर दी है।
RVM ग्रुप के सदस्यों का कहना है कि इस विधानसभा सत्र में यदि प्रदेश सरकार द्वारा पूर्व में घोषित पृथक यमुनोत्री जिले को अस्तित्व में लाने के लिए कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो लोगों को आगे बड़े स्तर पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसका खामियाजा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ सकता है।
इस अवसर पर आरवीएम ग्रुप के सदस्यों में दिनेश नौटियाल, अशोक बिजल्वाण, धनवीर रावत, सुरेन्द्र रावत, जगदीश भारती, अरविंद रावत, विरेंद्र गैरोला आदि ने सरकार की बेरुखी की कड़ी निन्दा करते हुए सरकार को भविष्य के लिए आगाह किया।
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