Thursday , 25 September 2025
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क्या BJP में शामिल होंगे दीपक बिजल्वाण, विरोध में उतरे गंगोत्री-पुरोला के वर्तमान और पूर्व विधायक, सीएम और प्रदेश अध्यक्ष को लिखा सामूहिक पत्र

उत्तरकाशी : उत्तरकाशी जिले की राजनीति में ज़ोरदार उबाल देखने को मिल रहा है। राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद ब्लॉक प्रमुखों और जिला पंचायत अध्यक्षों के चुनाव की घोषणा कर दी है। 14 अगस्त को हरिद्वार को छोड़कर राज्य के 12 जिलों में ये चुनाव होंगे। लेकिन इस बीच जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण को लेकर उत्तरकाशी की राजनीति में हलचल मच गई है।

दीपक बिजल्वाण, जो पहले से ही दोबारा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के सबसे मजबूत दावेदार माने जा रहे थे, अब भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की संभावनाओं के चलते पार्टी के भीतर विरोध के केंद्र में आ गए हैं।

भाजपा नेताओं की खुली नाराजगी

जैसे ही बिजल्वाण के भाजपा में शामिल होने की खबरें तैरने लगीं, यमुनोत्री-गंगोत्री विधानसभा क्षेत्र के नेताओं में बेचैनी बढ़ गई। गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान, पूर्व विधायक विजयपाल सजवाण, पुरोला विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा के पूर्व ज़िला अध्यक्ष सत्येंद्र राणा, वर्तमान ज़िला अध्यक्ष नागेंद्र चौहान, और खुद यमुनोत्री से टिकट की दावेदारी कर रहे मनवीर चौहान और पूर्व विधायक केदार सिंह रावत सभी ने पार्टी नेतृत्व को पत्र लिखकर अपनी नाराज़गी जताई है। इन नेताओं ने दीपक बिजल्वाण पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें पार्टी में शामिल न करने की मांग की है।

दोहरी राजनीति पर उठे सवाल

दिलचस्प यह है कि हाल ही में हुए नगर निकाय चुनावों में यही भाजपा नेता दीपक बिजल्वाण के रुख को लेकर सकारात्मक नजर आ रहे थे। मगर पंचायत चुनाव आते ही जैसे हवा पलटी, भाजपा के भीतर उनके खिलाफ विरोध की झड़ी लग गई। क्षेत्रीय राजनीति में यह परिवर्तन कई सवाल खड़े कर रहा है, क्या यह विरोध सैद्धांतिक है, या केवल सीट की सियासत?

2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी या सियासी डर?

यह साफ है कि दीपक बिजल्वाण यमुनोत्री विधानसभा सीट से 2027 में विधानसभा चुनाव लड़ने की ठोस तैयारी कर रहे हैं। यह वही सीट है, जहां से वह पहले भी चुनाव लड़ चुके हैं। वहीं, भाजपा के मनवीर चौहान और पूर्व विधायक केदार सिंह रावत भी इस सीट से अपनी दावेदारी ठोक चुके हैं। ऐसे में इन दोनों नेताओं को बिजल्वाण की भाजपा में एंट्री से अपने सियासी समीकरण बिगड़ते नजर आ रहे हैं। यही वजह मानी जा रही है कि पंचायत अध्यक्ष चुनाव से पहले ही भाजपा नेताओं का एक वर्ग बिजल्वाण के खिलाफ लामबंद हो गया है।

निकाय चुनाव में सुस्त, अब हुए सक्रिय

राजनीतिक विश्लेषक इस विरोध को लेकर भाजपा नेताओं की रणनीतिक चाल मान रहे हैं। नगर निकाय चुनाव में मनवीर चौहान को नाराज़ जनता का सामना करना पड़ा, जबकि केदार सिंह रावत चुनावी मैदान में ज्यादा सक्रिय नहीं दिखे। वहीं, पुरोला नगर पंचायत की सीट भाजपा हार गई, जिससे दुर्गेश्वर लाल की पकड़ पर भी सवाल खड़े हुए। इतना ही नहीं भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष सत्येंद्र राणा भी दीपक के मुकाबले रामा वार्ड से जिला पंचायत का चुनाव हार गए। जहां विधायक दुर्गेश्वर लाल, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट और भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान प्राचर करने पहुंचे थे।

अब जब पंचायत चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव का समीकरण तैयार हो रहा है, तो भाजपा नेताओं की यह ‘सक्रियता’ कई तरह की चर्चाओं को जन्म दे रही है। कुल मिलाकर कहा जाए तो दीपक बिजल्वाण एक बड़े राजनीतिक खिलाड़ी साबित हो रहे हैं, यही वजह है कि भविष्य की अपनी दावेदारी को देखते भाजपा के नेता एकजुट होकर विरोध कर रहे हैं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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