देहरादून: अनलाॅक-5 की गाइडलाइन जारी हो चुकी है। अब अनलाॅक-4 से ज्यादा छूट मिल चुकी है। लगभग पूरी छूट मिल चुकी है। ऐसे में कोरोना का खतना और बढ़ सकता है। अनलाॅक-4 में उत्तराखं डमें कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। लगभग हर दिन औसतन एक जहार से अधिक नए मामले आए और देखते ही देखते कोरोना का ग्राफ 50 हजार के पार जा पहुंचा।
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अनलॉक-4 में संक्रमण की रफ्तार सबसे ज्यादा रही है। 15 मार्च से 31 अगस्त तक 170 दिन में जितने संक्रमित मरीज मिले थे, उससे लगभग डेढ़ गुना अधिक मरीज मात्र केवल 30 दिन के भीतर सामने आ गए। साथ ही ठीक होने वाले मरीजों की संख्या भी दोगुनी हो गई।
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उत्तराखंड में कोरोना की शुरूआत 15 मार्च को आए पहले मामले के साथ हुई थी। उस दिन से लेकर 31 अगस्त को प्रदेशभर में कुल 19827 कोरोना पाॅजिटिव मिले थे। लेकिन, एक सितंबर को शुरू हुए अनलाॅक-4 के आखिरी दिन यानी 30 सितंबर तक राज्य मे 29173 कोरोना के नए केस सामने आए।
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अनलॉक-4 में 30 दिन में 25427 मरीज ठीक हुए हैं। बड़ी बात यह है कि अनलाॅक-4 में ही मात्र 30 दिन में 342 कोरोना मरीजों की मौत हो गई। कोरोना आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे सोशल डवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के संस्थापक अनूप नौटियाल का कहना है कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग को अनलॉक-5 में संक्रमण को रोकने के लिए नई रणनीति बनाने की जरूरत है। यह भी कहा जा रहा है कि अगर सरकार ने प्रभावी कदम नहीं उठाए, तो स्थिति और बिगड़ सकती है।
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