Friday , 22 November 2024
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‘जीरो टाॅलरेंस’ सरकार का कमाल, पहले थपथपाई पीठ, अब थमाया नोटिस…आखिर क्यों ?

  • ‘जीरो टाॅलरेंस’ BJP सरकार का कमाल.

  • पहले थपथपाई पीठ, अब थमाया नोटिस…आखिर क्यों ?

Dehradun : ‘जीरो टाॅलरेंस’ के दावे करने वाली टीएसआर सरकार कठघरे में है। सवाल विपक्ष से नहीं, सत्ता पक्ष से उछाला गया है। सवाल जिस तेजी से उछला है, उतनी तेजी से नीचे गिरने वाला है। इस सवाल पर गुरुत्वाकर्षण का नियम काम नहीं करने वाला। गुरुत्वाकर्षण का मतलब तो समझ ही गए होंगे। सरकार और संगठन दोनों ही विधायक पर इस बल का प्रयोग कर रहे हैं।

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वो झुकने वाले नहीं हैं

मसला ये है कि सरकार ने उनके काम अटकाए, तो संगठन ने नोटिस थमा दिया…। नोटिस का जवाब भले ही लिखित रूप में विधायक ने नहीं अभी नहीं दिया हो, लेकिन उन्होंने अपने बयानों से साफ कर दिया है कि वो झुकने वाले नहीं हैं। सरकार और संगठन का दबाव उनके सवालों की धार कमजोर नहीं कर सकते। भाजपा विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने 23 सितंबर को हुए एक दिवसीय सत्र में नियम-58 के तहत टनकपुर-जौलजीवी सड़क के टेंडर में हुए घोटाले को लेकर सवाल उठाया था। हालांकि, उनकी सूचना को स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन विपक्ष ने इस मामले को मुद्दा बना लिया था।

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सवाल उठाने पर सजा क्यों देना चाहती है

बड़ा सवाल यह है कि जीरो टाॅलरेंस की नीति पर चलने वाली सरकार विधायक को सवाल उठाने पर सजा क्यों देना चाहती है। इससे एक तो साफ साबित होती है कि जीरो टाॅलरेंस केवल एक दिखावा है। भ्रष्टाचार से सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ता। विधायक पूरन सिंह फर्त्याल ने यभी सवाल उठाया कि जब डेढ़ साल पहले उन्होंने इस मामले को सदन में उठाया था। तब सरकार ने उनकी पीठ थपथपाई थी। कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई का चाबुक भी चलाया था।

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उसी ठेकेदार को सरकार फिर से काम क्यों ?

सवाल यह है कि तब फर्जी काम करने वाले उसी ठेकेदार को सरकार फिर से काम क्यों दे रही है। ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई के बजाय सरकार उसे इनाम दे रही है। आज अचानक ऐसा क्या हुआ कि सरकार को वहीं विधायक खटकने लगा है, जिसकी डेढ़ साल पहले संगठन और सरकार ने जमकर तारीफ की थी। विधायक ने सीधेतौर पर सरकार और सीएम पर ही सवाल खड़े कर दिए कि सरकार भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। इससे जीरो टाॅलरेंस के दावे करने वाली त्रिवेंद्र सरकार की पोल खुल गई। भाजपा संगठन भी जीरो टाॅलरेंस और भ्रष्टचार पर नकेल लगाने को अपनी उपलब्धि बताता है। 

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संगठन भी भ्रष्टाचार के साथ खड़ा

लेकिन, इस मामले में संगठन भी भ्रष्टाचार के साथ खड़ा नजर आ रहा है। एक ठेकेदार के लिए सरकार और संगठन फ्रंटफुट पर डटकर अपने ही विधायक के खिलाफ खड़े हो गए हैं। अंदाजा लगा सकते हैं कि जीरो टाॅलरेंस की नीति है या टाॅलरेंस वाली नीति पर काम चल रहा है। इस पूरे मामले में विधायक फत्र्याल ने कहा कि केवल उन्होंने ही नियम-58 के तहत अपनी सरकार से सवाल नहीं किया है। इससे पहले भी ऐसा होता रहा है।

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ऐसा पहली बार नहीं हुआ 

उन्होंने कहा कि इससे पूर्ववर्ती सरकार में भी और 2007 से लेकर 2012 तक की भाजपा सरकार में सत्ता पक्ष के विधायकों ने नियम-58 के तहत मुद्दे चर्चा के लिए उठाएं हैं। लेकिन, किसी भी सत्ताधरी पार्टी ने विधायक को नोटिस जारी नहीं किया। पहले से जब मामले उठाया था। ठेकेदार का ठेका निरस्त कर दिया था,ठेकेदार के फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करने वाले 22 कार्मिकों को संस्पेंड कर दिया था। लेकिन, इस बार जब उन्होंने उसी ठेकेदार को ठेके दिए जाने में भ्रष्टाचार का मामला उठाया है, तो पार्टी उनको नोटिस थमा रही है। कहा कि नोटिस का जवाब दिया जाएगा। भ्रष्टाचार से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। 

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                                                                                                                     …प्रदीप रावत (रवांल्टा)

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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