अल्मोड़ा: कोरोना काल में सबसे बड़ा संकट स्टूडेंट्स पर आया है। उनकी पढ़ाई पूरी तरह ठप हो गई। वर्क फ्राॅम होम को सिलसिला भी चल ही रहा है। लेकिन, उन लोगों के लिए खासी मुश्किलें खड़ी हो गई हैं, जिनके गांवों में नेटवर्क नहीं आ रहा है। आलम यह है कि बच्चों को पढ़ने के लिए ऊंचाई वाली जगहों पर जाना पड़ रहा है। बच्चे खतों में बैठकर आॅलाइन पढ़ाई करने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि बच्चे इसके लिए खतरा मोल ले रहे हैं।
ग्राम पंचायत गड़स्यारी में इंटरनेट की सुविधा न होने से आम लोगों को तो दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही कोरोनाकाल में छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई भी पूरी तरह से ठप है। हालात यह हैं कि बच्चे गांव से दूर ऊंची चोटियों या फिर बसभीड़ा आदि जाकर सड़क किनारे या दुकानों के बाहर बैठकर ऑनलाइन पढ़ाई करने के लिए मजबूर हैं। बदहाल संचार सेवाओें ने ग्रामीणों के मुश्किलें पैदा कर दी हैं। हालात यह हैं कि कोरोना काल में गांव तक सूचनाएं तक नहीं पहुंच पा रही हैं। दूसरे शहरों में रहने वाले अपनों से भी बात तक नहीं कर पा रहे हैं। बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई पूरी तरह चैपट हो गई है।
ग्राम प्रधान दिवाकर चैधरी का कहना है कि गांव के बच्चे सिग्नल की तलाश में पढ़ाई करने ऊंची चोटियों पर जा रहे हैं, जिससे जंगली जानवरों का भी खतरा बना हुआ है। कई बच्चे बसभीड़ा आदि स्थानों पर दुकानों के बाहर या सड़क किनारे पढ़ाई करने को मजबूर हैं। ग्राम पंचायत के कवर क्षेत्र में टावर लगवाने और केबिल बिछाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कई बार गुहार लगाने के बाद भी कोई सुनने वाला नहीं है।