Thursday , 18 September 2025
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उत्तराखंड : बादलों ने मचाई तबाही, मकान पर गिरा मलबा, दबने से पति, पत्नी और बेटे की मौत!

बागेश्वर: बागेश्वर जिले में शनिवार रात बादलों ने तबाही ला दी। जिले के कपकोट में अतिवृष्टि के बाद आए मलबे में एक घर दब गया। घटना ग्राम सुमगढ़ ऐठाण के ईटावन तोक की है। मलबे में परिवार के तीन सदस्यों के दब गए। ग्रामीणों द्वारा दी गई सूचना के बाद रविवार की सुबह राजस्व पुलिस, एसडीआरएफ, डॉक्टरों की टीम और एंबुलेंस मौके पर पहुंची। तहसीलदार कपकोट ने इस घटना की पुष्टी की है।

गृहस्वामी गोविंद सिंह पंडा, उनकी पत्नी खष्टी देवी और आठ वर्षीय बालक हिमांशु पंडा मलबे में दबे गए। खष्टी देवी का शव बरामद हो गया है। दो अन्य की खोजबीन की जा रही है। कपकोट के सरन गांव में भी कई घरों में मलबा घुसने की सूचना है। यहां कई पालतू जानवर भी मलबे में दबे हुए हैं। बता दें कि सुमगड़ में वर्ष 2010 में स्कूल भवन में मलबा घुसने से 18 बच्चों की मौत हो गई थी।

कपकोट तहसील के सुमगढ़ इलाके के सुमगढ़ ऐठाण गांव के अठाबड़ तोक में मौत बनकर बरपा। बारिश के कारण मकान के पीछे पहाड़ से मलबा आ गया। जिससे पूरा मकान दब गया। मलबे में दबने से परिवार के तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। ग्रामीणों ने मलबे में दबे शवों को निकालना शुरू कर दिया है। मरने वालों में पति पत्नी और उनका एक बेटा शामिल बताए जा रहे हैं। एसडीआरएफ के मौके पर पहुंचने के बाद ही अधिक व पुष्ट जानकारी मिल सकेगी। मलबे में परिवार के पालतू पशु भी दबे हुए हैं। यह कितने है यह अभी कुछ नहीं कहा जस सकता है।

कपकोट तहसील के अंतरगत आने वाले सुमगढ़ ऐठाण गांव के अठाबड़ तोक में रहने वाले गोविंद सिंह पुत्र प्रताप सिंह के मकान के पीछे शनिकृरविवार की आधी रात के बाद अचानक भूस्खलन हुआ और भारी मात्रा में तलबा मकान पर जा गिरा। हादसे के समय गोविंद सिंह उनकी पत्नी खष्टी देवी और बेटा हिमांशु सिंह घर पर सो रहे। मलबा मकान पर गिरा और पूरा मकान देखते ही देखते जमींदोज हो गया। मलबे में परिवार के तीनों सदस्य और गौशाला में बंधे उनके पशु दब गए।

आज सुबह ग्रामीणों ने उन्हें मलबे से निकालने का अभियान छेड़ा। उधर तहसीलदार को भी मामले की जानकारी दी गई। लेकिन एसडीआरएफ की टीम रास्ते बंद होने के कारण अभी तक मौके पर नहीं पहुंच सकी है। इस बीच ग्रामीणों द्वारा शव को ढूंढ निकालने की खबर है। ग्रामीणों का कहना है कि मलबे में दबे तीनों लोगों की मौत हो चुकी है। मलबे में कितने पशु दबे हैं यह अभी पता नहीं है। इस बीच कपकोट क्षेत्र से कई राजनैतिक दलों के लोग भी मौके के लिए रवाना हुए हैं लेकिन आए मलबे ने उनका रास्ता रोेक रखा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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