चमोली: उत्तराखंड में त्रिशूल चोटी आरोहण के दौरान हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आए नौसेना के 6 पर्वतारोहियों में से 4 के शव आज बरामद कर लिए गए हैं।
इनकी पहचान लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती और हरिओम हरिओम एमसीपीओ के रूप में हुई है।
निम (Nehru Institute Of Mountaineering) और सेना के संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद इन 4 पर्वतारोहियों के पार्थिव शरीर को हेलीकॉप्टर के जरिए बेस कैंप लाया गया। रविवार को हेलीकॉप्टर के जरिए सभी जवानों के पार्थिव शरीर को नेवी सेंटर ले जाया जाएगा और वहां से उन्हें अंतिम विदाई के लिए उन्हें पैतृक घर रवाना किया जाएगा।
घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा कि त्रिशूल पर्वत पर भारतीय नौसेना के पर्वतारोहण अभियान का हिस्सा रहे चार नौसेना कर्मियों की दुखद मौत से गहरा दुख हुआ। वहीं, माउंट त्रिशूल हादसे पर सीडीएस बिपिन रावत और आर्मी चीफ एमएम नरवणे ने भी दुख जताया है।
हिमस्खलन की चपेट में आने से लापता हुए नौसेना के पर्वतारोहियों के दल में नौ सेना के पांच सदस्य और एक शेरपा शामिल है। 2 लोगों की तलाश अभी भी जारी है। शनिवार को निम की राहत-बचाव टीम को घटनास्थल पर दल के चार सदस्य दिखे थे।
मौसम खराब होने की वजह से अभियान में दिक्कत आ रही है। आज सुबह ही रेस्क्यू आपरेशन से जुड़ी हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग (हवास) की पांच सदस्यीय टीम त्रिशूल पर्वत पर साढ़े पांच हजार मीटर ऊंचाई वाले इलाके में पहुंची। हवास को उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू आपरेशन की विशेषज्ञता हासिल है।
त्रिशूल पर्वतारोहण के लिए चमोली जिले के सुतोल गांव से निकला नौ सेना का पर्वतारोही दल शुक्रवार को सुबह करीब पांच बजे एवलांच की चपेट में आया। जहां एक पोर्टर व पांच जवान लापता हो गए।
निम के प्रधानाचार्य कर्नल अमित बिष्ट को जैसे ही घटना की सूचना मिली, उनकी टीम नौसेना की ओर से भेजे गए हेलीकॉप्टर में मातली से जोशीमठ पहुंची। लेकिन रात का समय होने के कारण रेस्क्यू नहीं हो सका।
नेहरू पर्वतारोहण संस्थान से मिली जानकारी के अनुसार शनिवार को सुबह करीब नौ बजे रेस्क्यू टीम ने माउंट त्रिशूल का हवाई दौरा किया और घटना की लोकेशन का पता लगाया। वहीं, सेना, निम, एसडीआरएफ के साथ ही अन्य दल राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं।