Saturday , 24 May 2025
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उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों में बड़ा बदलाव: संविदा, आउटसोर्स और अस्थायी नियुक्तियों पर रोक

देहरादून : उत्तराखंड सरकार ने सरकारी विभागों में नियमित पदों पर दैनिक वेतन, संविदा, कार्यप्रभारित, नियत वेतन, अंशकालिक, तदर्थ और आउटसोर्स के जरिए होने वाली सभी नियुक्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। अब ये पद केवल नियमित चयन प्रक्रिया के माध्यम से भरे जाएंगे।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने इस संबंध में सभी प्रमुख सचिवों, सचिवों, मंडलायुक्तों, विभागाध्यक्षों, कार्यालयाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को सख्त आदेश जारी किए हैं। वर्तमान में लगभग 70,000 नियमित पदों पर आउटसोर्स और अन्य अस्थायी व्यवस्थाओं के तहत कर्मचारी कार्यरत हैं। इस फैसले से जहां इन कर्मचारियों के भविष्य पर अनिश्चितता मंडराने लगी है, वहीं रिक्त पदों पर शीघ्र नियमित भर्ती का रास्ता साफ हो गया है।

आउटसोर्स और अन्य अस्थायी व्यवस्थाओं के जरिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की तैनाती से विभागों को कामकाज में तात्कालिक राहत तो मिल रही थी, लेकिन सरकार को कई मोर्चों पर मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। आउटसोर्स एजेंसी उपनल के माध्यम से करीब 21,000 कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं, जो लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं।

हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने भी इन कर्मचारियों के लिए स्पष्ट नीति बनाने के निर्देश सरकार को दिए हैं। इसके अलावा, अन्य विभागों में आउटसोर्स या अस्थायी व्यवस्था पर कार्यरत कर्मचारियों ने भी न्यायालयों में सरकार के खिलाफ मामले दायर किए हैं। न्यायालयों के आदेशों का पालन न होने से अवमानना की स्थिति उत्पन्न हो रही है।

इन परिस्थितियों को देखते हुए सरकार ने नियमित पदों को केवल चयन आयोगों के माध्यम से भरने का निर्णय लिया है। मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि इस शासनादेश का उल्लंघन करने वाले नियुक्ति अधिकारियों पर अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

आउटसोर्स और संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की उम्मीदें धूमिल हो सकती हैं, और कई कर्मचारी न्यायालयों का रुख कर सकते हैं। रिक्त पदों पर तेजी से नियमित भर्ती शुरू होने की संभावना है, जिससे सरकारी विभागों में स्थायी कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी। समयबद्ध तरीके से अधियाचन भेजने और चयन प्रक्रिया को पूरा करने की जिम्मेदारी विभागों पर होगी।

यह फैसला सरकारी भर्ती प्रणाली में पारदर्शिता और स्थायित्व लाने की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है। हालांकि, अस्थायी कर्मचारियों की मांगों और न्यायालयों में लंबित मामलों के समाधान के लिए सरकार को अभी और ठोस नीति बनानी होगी। आने वाले महीनों में इस निर्णय का असर स्पष्ट होगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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