देहरादून: उत्तराखंड में नगर निगम, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है। चुनाव 2023 के दिसंबर या फिर 2024 के जनवरी-फरवरी के बीच कराए जाने की अटकलें लगाई जा रही थी। लेकिन, सरकार ने चुनावी तैयारियां पूरी नहीं होने का हवाला दिया और चुनाव टाल दिए। फिलहाल निकायों में प्रशासक नियुक्त किए गए हैं।
इन दिनों लोकसभा चुनाव की तैयारियां जोरों पर हैं। उत्तराखंड में लोकसभा का चुनाव पहले चरण में होना तय माना जा रहा है। ऐसे में सरकार के सामने अब निकाय चुनाव कराने की भी चुनौती खड़ी हो गई है। निकाय चुनाव नहीं कराने के मामला हाईकोर्ट में पहुचा था। हाईकोर्ट के सरकार को नगर निकाय चुनाव दो कराने का आदेश दिया है। अब यह साफ है कि सरकार को लोकसभा चुनाव के बीच ही नगर निकायों के भी चुनाव कराने होंगे।
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सरकार ने नगर निकायों में ओबीसी आरक्षण की व्यवस्था को तय नहीं होने के कारण ही चुनाव नहीं कराए थे। जानकारी के अनुसार सरकार निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू करने के लिए नगर निगम और नगर पालिका अधिनियम में संशोधन का विधेयक ला सकती है। नगर निकायों के चुनाव 2018 में हुए थे, जिनका पांच साल का कार्यकाल दिसंबर 2023 में समाप्त हो चुका है।
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दो जून से पहले ही सरकार को चुनाव संपन्न कराने हैं, लेकिन जल्द ही देशभर में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू हो जाएगी। ऐसे में इस चुनाव के दौरान निकाय चुनाव कराने में तकनीकी दिक्कत हो सकती है। इस दिक्कत से निपटने के लिए सरकार, चुनाव आयोग से विशेष अनुमति ले सकती है। ऐसे में लोकसभा चुनाव आचार संहिता के बीच में ही राज्य में निकाय चुनाव की आचार संहिता लगाई जा सकती है। माना जा रहा है कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में निकाय चुनाव का नोटिफिकेशन जारी हो सकता है, जिसके बाद मई में चुनाव होंगे।