Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड: मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को मरणोपरांत शौर्य चक्र, पांच अतिकियों को उतारा था मौत के घाट

देहरादून: पुलवामा में पांच आतंकवादियों को मौत के घाट उतारने वाले शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। दिल्ली में आयोजित अलंकरण समारोह में उनकी पत्नी लेफ्टिनेंट नितिका कौल और मां ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया।

देहरादून निवासी विभूति ढौंडियाल जम्मू-कश्मीर में हुए 2019 में हुए सैन्य अभियान में शहीद हो गए थे। पुलवामा हमले के बाद जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ चले ऑपरेशन में शहीद हुए मेजर विभूति ढौंडियाल ने पांच आतंकवादियों को मार गिराया था।

उनकी पत्नी ने अपने पति की शहादत के बाद मोर्चा संभाला और सेना में अफसर बन गई। 34 वर्षीय मेजर विभूति ढौंडियाल सेना के 55 आरआर में तैनात थे। वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। वर्ष 2018 अप्रैल माह में उनकी शादी हुई थी. शादी को एक साल बाद ही वो देश पर कुर्बान हो गए।

वायुसेना के लिए आज का दिन बेहद ही खास होने वाला है। दरअसल, 27 फरवरी, 2019 को एक पाकिस्तानी एफ-16 लड़ाकू विमान को हवाई युद्ध में मार गिराने वाले ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अलंकरण समारोह में वीर चक्र से सम्मानित किया। जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन के दौरान ए++ श्रेणी के आतंकवादी को मारने के लिए नायब सूबेदार सोमबीर को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया जाएगा।

कोर ऑफ इंजीनियर्स के सैपर प्रकाश जाधव को मरणोपरांत दूसरा सबसे बड़ा शांतिकालीन वीरता पुरस्कार कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा। जाधव ने जम्मू-कश्मीर में एक ऑपरेशन के दौरान आतंकवादियों को खदेड़ा था। पूर्व पूर्वी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अनिल चौहान (सेवानिवृत्त), इंजीनियर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह, दक्षिणी नौसेना कमांडर वाइस एडमिरल अनिल चावला को  परम विशिष्ट सेवा पदक से सम्मानित किया जाएगा। वहीं पूर्वी वायु कमांडर एयर मार्शल दिलीप पटनायक को अति विशिष्ट सेवा पदक प्राप्त होगा।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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