देहरादून: चमोली में आई आपदा पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह भीषण आपदा थी। उन्होंने कहा कि आपदा कारण ग्लेशियर का टूटना है। ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट को भारी नुकासन हुआ है। उन्होंने बताया कि करीब 28 लोग और दो पुलिस कर्मी लापता हैं। उन्होंने बताया कि एनटीपीसी के प्रोजेक्ट में 175 मजदूर काम कर रहे थे। एक टनल में 15 और दूसरी टनल में 35 लोग फंसे हैं। अब तक 12 लोगों को बचाया गया है।
उन्होंने बताया कि अब तक 7 बरामद हो चुके हैं। सेना और एनडीआरफ की टीम भी मौके पर पहुंच गई है। सीएम ने बताया कि रैणी गांव पहुंचकर जायजा लिया है। अब तक की जानकारी के अनुसार एक पुल और 4 झूला पुल छतिग्रस्त हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा पीएम मोदी का दो बार फोन आया है। दोनों बार हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिया। गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति का भी फोन आया।
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, बिहार के मुख्यमंत्री और गुजरात के मुख्यमंत्री ने भी फोन कर हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिया है। मुकेश अम्बानी के बेटे अनन्त अम्बानी ने भी फोन कर अपने स्तर से मदद करने की बात कही है। 5 ग्रामीणों के लापता और 180 मवेशियों के भी बहने की खबर है।
मृतकों के परिजनों को सरकार 4-4 लाख रुपये देगी। अभी किस वजह से हादसा हुआ है इसका पता नहीं चल पाया है। विशेषज्ञ ही घटना के बारे में बता सकते हैं। पानी के बहाव को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी का लेबल सामान्य है। चमोली के मैठाणा गांव के आगे पानी साफ हो गया था। उन्होंने कहा कि करीब 115 लोगों के लापता होने की आशंका है।