- पहाड़ समाचार
देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि ये दशक उत्तराखंड का दशक है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी बार-बार इस बात को देहराते हैं। साथ ही मुख्यमंत्री यह दावा भी करते हैं कि हमें हर क्षेत्र में राज्य को नंबर वन बनाना है। इसके लिए जरूरी है कि राज्य के मंत्री और अधिकारी सही ढंग से काम करें। लेकिन, जिस तरह से मंत्रियों का काम कर रहे हैं, उससे लगता नहीं है कि इस लक्ष्य को हासिल कर पाना उतना आसान होगा।
सभी मंत्रियों को एक पत्र लिखा
अब हम आपको बताते हैं कि आखिर ऐसा क्यों कहा जा रहा है। दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नेे क्रियान्वयन विभाग की ओर से सरकार के सभी मंत्रियों को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें उनसे प्रभारी जिलों की रिपोर्ट क्रियान्वयन विभाग को भेजे जाने के लिए कहा गया है।
रिमाइंडर भेजा गया
यह पहला पत्र नहीं है, बल्कि यह मुख्यमंत्री की ओर से रिमाइंडर भेजा गया है। इसमें कहा गया है कि इस साल अब तक फरवरी के बाद वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को छोड़कर किसी भी मंत्री ने अपने प्रभार वाले जिलों की रिपोर्ट क्रियान्वयन विभाग को नहीं भेजी है।
मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाते हैं
इन रिपोर्टों के जरिए मंत्री अपने प्रभार वाले जिलों की समस्याओं, उनकी जरूरतों और आम लोगों की राय को मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाते हैं। इसमें जिलों में चल रही और प्रस्तावित योजनाओं की स्थिमि भी शामिल होती है। इन्हीं रिपोर्ट्स के आधार पर क्रियान्वयन विभाग योजनाओं की समीक्षा कर रिपोर्ट सीएम को सौंपता है और फिर मुख्यमंत्री स्तर से जरूरी कार्रवाई की जाती है।
कोई मायने ही नहीं हैं
इससे एक बात तो साफ है कि मंत्रियों के लिए जनता की शिकायतों और समस्याओं के कोई मायने ही नहीं हैं। स्थिति यह है कि मुख्यमंत्री को रिमाइंडर लिखना पड़ रहा है। हालांकि, इस पत्र के सामने आने के बाद अब कई मंत्रियों के सोशल मीडिया में बयान भी सामने आए हैं कि उनकी ओर से लगातार रिपोर्ट भेजी जा रही है।
अगर रिपोर्ट भेजी जा रही है
सवाल यह भी है कि अगर रिपोर्ट भेजी जा रही है, तो वो रिपोर्ट जा कहां रही है? क्रियान्वयन विभाग के सचिव बाकायदा बयान दे रहे हैं कि रिपोर्ट नहीं भेजी जा रही है। ऐसे में मामला और गंभीर हो जाता है कि अगर रिपोर्ट भेजी गई तो फिर विभाग या फिर मुख्यमंत्री कार्यालय से कहीं गायब हो गई है?
मुहिम को 2022 में शुरू किया था
मुख्यमंत्री ने जिस मुहिम को 2022 में शुरू किया था। उसका 2023 तक तो मंत्रियों ने अनुपालन किया, लेकिन 2024 आते-आते मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को रिपोर्ट करना ही छोड़ दिया। अब देखना यह होगा कि मुख्यमंत्री के रिमाइंडर के बाद मंत्री रिपोर्ट भेजते हैं या नहीं?