Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड : CM का अचानक दिल्ली जाना…उपचुनाव या फिर कुछ और ?

देहरादून: मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को दिल्ली अचानक दिल्ली बुलाया गया। चिंतन शिविर की बैठक से लौटने के बाद CM तीरथ सिंह रावत को आज कई बड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लेना था। लेकिन, अचानक दिल्ली से आए बुलावे के कारण उनके सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए। इस बुलावे के बाद फिर से सियासी पारा चढ़ने लगा है। कयासबाजियों का दौर भी शुरू हो गया है। इनके पीछे के कारणों को जानना बेहद जरूरी है। तीरथ सिंह रावत के सामने एक बड़ा सवाल 10 सितंबर के बाद मुख्यमंत्री बने रहने का है।

यह सवाल है, जिसका जवाब खुद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और भाजपा खोज रही है। इस सवाल का समाधान CM तीरथ सिंह रावत की कुर्सी पर संकट लेकर आया है और पार्टी को भी इस सवाल का जवाब ढूंढें नहीं मिल रहा है। यही सवाल इन दिनों उत्तराखंड के सियासी गलियारों में जोर-शोर से उछाला जा रहा है।

कांग्रेस इसे मुद्दा बना रही है और राज्य में संवैधानिक संकट का हवाला देकर उपचुनाव पर ही सवाल खड़े कर रही है। जबकि भाजपा किसी भी तरह के संवैधानिक संकट से इंकार कर रही है, लेकिन होगा क्या यह भाजपा स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रही है ?

नियम के अनुसार तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री नियुक्त होने के छह महीने के अंदर विधायक चुना जाना है। लेकिन जनप्रतिनिधि कानून के तहत विधानसभा के आखिरी एक साल उपचुनाव नहीं कराए जा सकते हैं। ऐसे में वह अब क्या मुख्यमंत्री बने रहेंगे या उनकी जगह कोई और सीएम नियुक्त होगा?

ऐसे कई बड़े सवालों के जवाब तीरथ सिंह के इस दिल्ली दौरे में मिल सकते हैं। जल्द ही उपचुनाव और उपचुनाव नहीं होने की स्थिति में नया मुख्यमंत्री नियुक्त करने का फैसला भी हो सकता है। पार्टी प्रयास कर रही है कि जो भी बेहतर विकल्प होगा, उसे आजमाया जाएगा।

CM तीरथ सिंह रावत ने 10 मार्च को उतराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. वह फिलहाल पौड़ी से लोकसभा सांसद हैं। पार्टी ने त्रिवेंद्र सिंह रावत को हटाकर उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था, लेकिन एक चूक से उनकी कुर्सी पर बड़ा संकट मंडराने लगा है।

उत्तराखंड के निर्माण के बाद से अब तक सिर्फ एनडी तिवारी ही एकमात्र मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने राज्य की सत्ता में बतौर सीएम पांच साल का कार्यकाल पूरा किया है। अन्यथा अब तक कोई दूसरा सीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सका है। एनडी तिवारी के बाद उत्तराखंड में सबसे ज्यादा दिन बतौर सीएम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत रहे हैं जिनका कार्यकाल लगभग 4 सालों का रहा है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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