Sunday , 15 June 2025
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उत्तराखंड: दवा नहीं जहर खा रहे हैं आप, होश उड़ा देगा ये खुलासा!

देहरादूनर : दवा आप और हम बीमार होने पर ठीक होने के लिए खरीदते और खाते हैं। लेकिन, यही दवाइयां अगर जहर बन जाएं और आपको पता भी ना चले तो फिर कोई कुछ नहीं कर सकता है। जिन दवाइयों को हम ठीक होने के लिए खाते हैं। वही, दवाइयां हमें धीरे-धीरे भतर से खोखला कर रही होती हैं।

नकली दवाओं का कारोबार लोगों की जिंदगी बर्बाद कर रहा है। आप जिन दवाओं को बाजार से ले रहे हैं। जिन ब्रांड पर आप भरोसा करते हैं, हो सकता है कि वो नकली हों। परेशानी यह है कि आपको इन दवाइयों के असली और नकली होने का फर्क भी पता नहीं चल पाएगा।

बड़ा सवाल यह है कि कौन है, जिसके संरक्षण में ये सब काला धंधा चल रहा है। बार-बार कार्रवाई तो होती है, लेकिन कभी इस बात का खुलासा नहीं हुआ कि इसके पीछे किसका हाथ है। कुछ दिन की चुप्पी के बाद नकली दवाओं का धंधा फिर जोर पकड़ने लगा तळै लोग बीमारी के इलाज में जहर गटकने को मजबूर हैं।

एसटीएफ ने कुछ दिनों पहले छापेमारी में नकली दवाओं का जखीरा पकड़ा था। अब एसटीएफ ने हरिद्वार में एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। इसके पकड़े जाने के बाद जांच में जो खुलासा हुआ, वो बेहद चौंकाने वाला था। गोदामों में छापेमारी के दौरान नकली दवाओं का बड़ा जखीरा पकड़ा गया है। बाजार में आ रही नकली दवाइयां लोगों की लाफइ को खतरे में डाल रही हैं।

एसटीएफ ने पांच गोदामों पर छापे मारे थे। वहां से एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया, जबकि एक अन्य भाग निकला। इन गोदामों से नकली दवा बनाने का कच्चा माल भी बरामद किया गया है। नकली दवा बनाकर उनपर नामी कंपनियों का लेवल लगाकर बाजार में सप्लाई कर दिया जाता है।

एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पिछले माह लक्सर क्षेत्र में नकली दवा बनाने का मामले का एसटीएफ ने खुलासा किया था। इसके बाद से एसटीएफ लगातार इन मामलों पर नजर बनाए हुअए है। सूचना मिली थी कि नकली दवाइयां बनाई जा रही हैं। कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने फिर से नकली दवाओं को जखीरा बरामद किया है।

छापे के दौरान एसटीएफ ने पांच लाख से भी ज्यादा टेबलेट (गोलियां) कब्जे में ली हैं, जबकि 50 कट्टे (बोरे) खुली गोलियां भी वहां रखी हुई थीं। 80 कट्टों में कच्चा माल भी रखा हुआ था। बड़ी मात्रा में रैपर और लेबल भी गोदामों में रखे थे। इन दवाओं में से बहुत सी दवाएं एक्सपायरी डेट पार कर चुकी थीं।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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