देहरादून: अक्सर पुलिस की अलोचना होती रहती है। गलत कामों के लिए अलोचना होनी भी चाहिए, लेकिन कई बार जब पुलिस अच्छे काम करती है। उसकी खुलकर तारीफ भी की जानी चाहिए। कुछ ऐसा ही काम दून पुलिस ने कर दिखाया है। दून पुलिस के कप्तान और डीआइजी अरुण मोहन जोशी को मेल पर एक शिकायत मिली थी।
30 नवंबर यानी कल ही पुलिस को दिल्ली से एक महिला का मेल मिला था। मेल कुछ इस तरह था…महिला ने आरोप लगाया कि मेरी बहन मां के साथ भगत सिंह कॉलोनी रायपुर में रहती है। हमारा किराएदार कई दिनों से मेरी अविवाहित बहन का शारीरिक शोषण कर रहा है। अब मेरी बहन गर्भवती है। मां और बहन किसी से शिकायत नहीं कर पा रहे हैं। डर रहे हैं।
डीआइजी अरुण मोहन जोशी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल रायपुर थाने में मामला दर्ज करने के निर्देश दिए। मामले में उन्होंने पुलिस अधीक्षक नगर और नेहरू काॅलोनी सीओ को मौके पर जाकर पीड़िता के बयान दर्ज कर जांच शुरू करने के निर्देश दिए। मामले की जांच लेडी सब इंस्पेक्टर भावना कर्णवाल को दी गई। पीड़िता के बयानों के बाद एक टीम गठित की गई। जांच अधिकारी को युवती ने पूरी कहानी बताई। उसकी कहानी सुनकर पुलिस दंग रह गई।
लड़की ने बताया कि पिछले एक साल से हमारे किराएदार खुर्शीद अहमद और सन्नू हमारे घर के पास रहने वाले एक दूसरे युवक ने अलग-अलग दिनों में डरा धमकाकर उसके साथ रेप किया। उसने बताया कि डाॅक्टरों की रिपोर्ट के अनुसार उसके पेट में पेट में बच्चा है, मुझे डॉक्टर ने सात-आठ महीने की गर्भवती बताया है। यह बच्चा किसका है। यह मुझे मालूम नहीं है। लेकिन, इतना पता है कि इन्हीं ने अलग-अलग कई बार मेरे साथ मुझे डरा धमकाकर रेप किया है। बच्चा भी इन्हीं में से किसी का होगा।
पुलिस ने मामले को अति गंभीर मानते हुए एक्शन शुरू कर दिया। रातों-रात टीम गठित की गई। टीम को तीन में से यूपी बिजनौर निवासी दो अरोपियों की गिरफ्तारी के लिए रवाना किया। टीम ने भी देरी नहीं की और बिजनौर जाकर आरोपी खुर्शीद निवासी ग्राम चिड़िया चांडक थाना किरतपुर जनपद बिजनौर, शहीद अहमद उर्फ सन्नू निवासी उपरोक्त को बिजनौर से 24 घंटे के अंदर गिरफ्तार कर लिय। पुलिस की इस तरह की कार्रवाई पुलिस पर भरोसा जगाती है।