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उत्तराखंड ब्रेकिंग: भूकंप के झटकों से डोली धरती, दून से उत्तरकाशी और नैनीताल तक महसूस किए गए झटके

देहरादून: प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से धरती डोल उठी। जानकारी के अनुसार करीब दो बजकर 52 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। राजधानी देहरादून समेत उत्तरकाशी से लेकर नैनीताल तक भूकंप के झटके मसूस किए।

इससे पहले नेपाल से लगे इलाकों में भी झटके महसूस किए गए थे, जिनका केंद्र नेपाल में बताया गया। इतना ही नहीं दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। हालांकि, कहीं से किसी तरह के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई है।

जानकारी के अनुसार भूकंप के केंद्र नेपाल में था, जिसकी तीव्रता वहां 6.2 मापी गई है। जबकि, भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में इसकी तीव्रता अलग-अलग बताई जा रही है। भूकंप के झटके दो बार महसूस किए गए।

क्यों आता है भूकंप?
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।

क्या है तीव्रता का मतलब?
भूकंप का केंद्र उस स्थान को कहते हैं जिसके ठीक नीचे प्लेटों में हलचल से भूगर्भीय ऊर्जा निकलती है। इस स्थान पर भूकंप का कंपन ज्यादा होता है। कंपन की आवृत्ति ज्यों-ज्यों दूर होती जाती हैं, इसका प्रभाव कम होता जाता है। फिर भी यदि रिक्टर स्केल पर 7 या इससे अधिक की तीव्रता वाला भूकंप है तो आसपास के 40 किमी के दायरे में झटका तेज होता है। लेकिन यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि भूकंपीय आवृत्ति ऊपर की तरफ है या दायरे में। यदि कंपन की आवृत्ति ऊपर को है तो कम क्षेत्र प्रभावित होगा।

कैसे मापी जाती है तिव्रता 
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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