Saturday , 15 November 2025
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2027 विधानसभा चुनाव: कांग्रेस का मास्टरस्ट्रोक : तीन दिग्गजों को तीन बड़ी जिम्मेदारियां

उत्तराखंड की राजनीति में कांग्रेस हाईकमान ने बड़ा दांव खेला है। राष्ट्रिय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गणेश गोदियाल को उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) का अध्यक्ष नियुक्त किया। साथ ही, प्रीतम सिंह को चुनाव प्रचार समिति (कैंपेन कमिटी) और हरक सिंह रावत को चुनाव प्रबंधन समिति (इलेक्शन मैनेजमेंट कमिटी) की कमान सौंपी गई। निवर्तमान अध्यक्ष करण …

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उत्तराखंड : 25 साल बाद भी अधूरी उम्मीदें और बढ़ती चुनौतियां, क्या आम आदमी भी जश्न मना रहा है?

प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ 9 नवंबर 2025 उत्तराखंड अपना 25वां राज्य स्थापना दिवस मना रहा है, लेकिन देवभूमि की यह रजत जयंती खुशी के साथ-साथ गहरे दर्द की भी गवाह है। 9 नवंबर 2000 को उत्तर प्रदेश से अलग होकर बने इस राज्य ने आंदोलनकारियों के बलिदान से जन्म लिया था। सपना था एक समृद्ध, आत्मनिर्भर पहाड़ी राज्य का, जहां रोजगार, …

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एक ऐसा सरकारी स्कूल, जिसके सामने प्राइवेट स्कूल भी हैं फेल…

प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ देहरादून जिले के रायपुर ब्लॉक के राजकीय प्राथमिक विद्यालय रामगढ़ (दूधली) ने साबित कर दिया कि सरकारी स्कूल भी अगर शिक्षकों का जज्बा हो, तो प्राइवेट संस्थानों से कहीं आगे निकल सकते हैं। यहां तैनात प्रधानाध्यापक अरविंद सिंह सोलंकी और उनकी पूरी टीम ने मिलकर स्कूल को ऐसा रूप दिया कि यह ‘निपुण विद्यालय पुरस्कार’ भी जीत …

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उत्तराखंड : पिता के पदचिह्नों पर चल रहे अलभ्य और त्रिष्ठव, पारंपरिक लोक संगीत के संरक्षण की ‘जोड़ी’

प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ उत्तराखंड की लोक संस्कृति और संगीत परंपरा को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया है दो युवा भाइयों, अलभ्य और त्रिष्ठव बडोनी ने। शिक्षक पिता गिरीश बडोनी के पदचिह्नों पर चलते हुए ये दोनों भाई आज लोक संगीत को ना केवल जी रहे हैं, बल्कि अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। अलभ्य वर्तमान …

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चौबट्टाखाल विधानसभा सीट: 2027 के लिए अभी से नजर आ रही सक्रियता, खतरे में सतपाल महाराज की राजनीतिक विरासत

देहरादून: उत्तराखंड की चौबट्टाखाल विधानसभा सीट पर 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी अभी से जोर पकड़ चुकी है। वर्तमान विधायक और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की राजनीतिक विरासत को लेकर आशंका बढ़ रही है, जबकि कांग्रेस में युवा नेतृत्व उभरने की कोशिश कर रहा है। हाल के पंचायत चुनावों ने स्थानीय समीकरणों को बदल दिया है, जिससे दावेदारों की …

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टिंचरी माई : द अनटोल्ड स्टोरी : ठगुली से इच्छा गिरी और टिंचरी माई बनने की कहानी

प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ यह सिर्फ़ एक फ़िल्म नहीं, बल्कि एक महिला के दर्द, संघर्ष और विजय की एक सच्ची गाथा है। टिंचरी माई : द अनटोल्ड स्टोरी, पर्दे पर उत्तराखंड की माटी से निकली उस कहानी को दिखाती है, जिसे देखकर आपकी आंखें नम हो जाएंगी। इस फ़िल्म में जो मेहनत, जज़्बा और जुनून लगा है, वह बेशकीमती है। और …

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देश के ऊर्जा क्षेत्र में उत्तराखंड का नाम रोशन कर रहे आशीष ममगाईं, देश के टॉप इंजीनियर्स की लिस्ट में दर्ज हुआ नाम

टिहरी : यह उत्तराखंड के लिए गर्व का विषय है कि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (THDCIL) में उप महाप्रबंधक आशीष ममगाईं का चयन देश के ऊर्जा क्षेत्र के प्रमुख इंजीनियरों की सूची में किया गया है। उन्हें पावर लाइन पत्रिका में विशेष स्थान दिया गया है। आशीष ममगाईं के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। ममगाईं वर्तमान में भारत की …

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‘कालनेमी’: सत्ता के गलियारों में मंडराता ठगों का नेक्सस, एक और ऑपरेशन की जरूरत

प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ नकल माफिया हाकम सिंह रावत की तस्वीरें तो आपको याद ही होंगी। उसकी तस्वीरें देखकर ऐसा लगता था मानो वह किसी राजघराने का राजकुमार हो, लेकिन सच्चाई यह थी कि वह नकल माफिया निकला। हाकम को लोग भूलने लगे थे, लेकिन जितेंद्र कुमार की आत्महत्या ने हाकम जैसे कालनेमियों की याद फिर से दिला दी। हाकम का …

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उत्तरकाशी और यमुनोत्री की राजनीति में ‘बिजल्वाण फैक्टर’, समीकरणों का नया चैप्टर

प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ उत्तराखंड की राजनीति में हमेशा से ही अप्रत्याशित घटनाक्रम होते रहे हैं। उत्तरकाशी जिले की यमुनोत्री विधानसभा सीट इसका नया उदाहरण है। दीपक बिजल्वाण के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने से इस सीट के राजनीतिक समीकरणों में भारी फेरबदल हुआ है, जिसने न केवल भाजपा के भीतर हलचल मचा दी है, बल्कि कांग्रेस और अन्य …

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देख तमाशा कुर्सी का : ‘जुझारू और कर्मठ’ से बने ‘बिकाऊ’, ‘आपका बेटा-आपका भाई’ लाखों में नीलाम!

प्रदीप रावत ‘रवांल्टा’ आपके कानों में अब भी गूंजते होंगे वो नारे “आपका बेटा,” “आपका भाई,” “जुझारू और कर्मठ।” आपके घरों के पास वो चुनावी पोस्टर अभी भी लटके होंगे, जिन पर मुस्कुराते हुए चेहरों ने जनता की सेवा का वादा किया था। लेकिन, सवाल यह है कि चुनाव जीतने के बाद ये ‘जुझारू-कर्मठ’ प्रजाति कहां गुम हो गई है? …

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