Friday , 22 November 2024
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उत्तराखंड: आखिर क्यों पड़ रही रासुका की जरूरत, क्या सरकार उठाने जा रही बड़ा कदम?

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाने को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लागू कर दिया है। इसके मद्देनजर अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने आदेश जारी कर दिए हैं। आदेश के अनुसार, प्रदेश में 1 अक्टूबर से 3 महीने यानि 31 दिसंबर 2021 तक यह आदेश लागू रहेगा।

विभिन्न जिलों में हुई हिंसा की घटनाओं के बाद राज्य के अन्य हिस्सों में भी ऐसी घटनाएं होने की संभावना है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी राज्य में एक समुदाय की जनसंख्या को लेकर अपनी बात रखते हुए सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की बात कह चुके हैं।
वहीं, हाल के रुड़की में हुई घटना के बाद पुलिस विभाग समेत खुफिया विभाग भी सतर्क हो गया है, जबकि चुनाव से पहले ऐसी घटनाओं के बढ़ने की आशंका को देखते हुए इस निर्णय को बल मिला है। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को बनाने के लिए एनएसए (NSA) लागू किया गया है। जिलाधिकारियों को 31 दिसंबर तक एनएसए में शामिल शक्तियों के प्रयोग का भी अधिकार दे दिया गया है।

जानिए क्या है एनएसए(NSA)

एनएसए या राष्ट्रीय सुरक्षा कानून(रासुका) वो कानून है, जिसे राष्‍ट्रीय सुरक्षा में बाधा डालने वालों पर लगाम लगाता है। इस अधिनियम-1980 देश की सुरक्षा के लिए सरकार को ज्यादा शक्ति देने का कानून है।

किसी भी राज्य की सरकार को अगर लगता है कि कोई भी कानून व्यवस्था में किसी तरह की परेशानी बन रहा है तो उसे एनएसए के तहत गिरफ्तारी का आदेश दिया जा सकता है। आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बनने पर भी एनएसए के तहत गिरफ्तार करवाया जा सकता है।

Nsa uttarakhand

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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