Friday , 22 November 2024
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बड़ी खबर: कोरोना से मौत पर मिलेगा इतना मुआवजा

  • सरकार ने पहले किया था इंकार, अब सुप्रीम कोर्ट में भरी हामी.

नई दिल्ली: कोरोना से हुई हर मौत के लिए न्यूनतम 50 हज़ार रुपये मुआवजा मिलेगा. यह मुआवजा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी ने तय किया है. सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को छक्ड। को यह जिम्मेदारी सौंपी थी. अब केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि छक्ड। ने मुआवजा तय कर इस बारे में राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है. मुआवजे की राशि राज्यों के आपदा प्रबंधन कोष से दी जाएगी.

सुप्रीम कोर्ट में 2 वकीलों गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. दोनों का कहना था है कि नेशनल डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 12 में आपदा से मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का प्रावधान है. पिछले साल केंद्र ने सभी राज्यों को कोरोना से मरने वाले लोगों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए कहा था.

इस साल ऐसा नहीं किया गया है. इसके जवाब में केंद्र ने कहा था कि कोरोना के चलते राज्यों को पहले ही बहुत अधिक खर्च करना पड़ रहा है. उन पर मुआवजे का बोझ डालना सही नहीं होगा. 30 जून को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में कोरोना से हुई हर मौत के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए.

कोर्ट ने माना था कि इस तरह की आपदा में लोगों को मुआवजा देना सरकार का वैधानिक कर्तव्य है. लेकिन मुआवजे की रकम कितनी होगी, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर ही छोड़ दिया था. 2 जजों की बेंच ने फैसले में इस बात को दर्ज किया था कि महामारी के दौरान इलाज की बेहतर सुविधा और ज़रूरतमंदों तक भोजन और दूसरी सुविधाएं पहुंचाने में केंद्र और राज्यों को काफी खर्च करना पड़ रहा है.

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

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