नई दिल्ली: कोरोना की स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन के लेकर विवाद छिड़ गया है। भारत बायोटेक कंपनी की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को बनाने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किए जाने का मामला सामने आया है। भारत बायोटेक ने अपनी सफाई में कहा कि सेल्स विकसित करने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया गया था, लेकिन कोवाक्सिन वैक्सीन के फाइनल फॉर्मूले में इसका इस्तेमाल नहीं किया गया। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी इस पर जवाब दिया कि तथ्यों को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
कोवैक्सिन में गाय के नवजात बछड़े का सीरम इस्तेमाल किए जाने के मुद्दे पर विवाद बढ़ता देख भारत बायोटेक ने सफाई जारी की। भारत बायोटेक ने कहा कि बछड़े के सीरम का इस्तेमाल सेल्स विकसित करने के लिए किया गया, लेकिन कोरोना वैक्सीन कोवाक्सिन के निर्माण के फाइनल फॉर्मूले में इसका इस्तेमाल नहीं किया गया। कंपनी का कहा कि कोवाक्सिन में किसी तरह की अशुद्धि नहीं हैं।
In an RTI response, the Modi Govt has admitted that COVAXIN consists Newborn Calf Serum …..which is a portion of clotted blood obtained from less than 20 days young cow-calves, after slaughtering them.
THIS IS HEINOUS! This information should have been made public before. pic.twitter.com/sngVr0cE29
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) June 15, 2021
कंपनी ने कहा कि नष्ट या निष्प्रभावी किए गए वायरस का इस्तेमाल अंततरू टीका बनाने के लिए किया जाता है। बयान के मुताबिक, अंतिम रूप से टीका बनाने के लिए बछड़े के सीरम का बिलकुल भी इस्तेमाल नहीं किया जाता। अतरू अंतिम रूप से जो टीका (कोवैक्सीन) बनता है, उसमें नवजात बछड़े का सीरम कतई नहीं होता और यह अंतिम टीका उत्पाद के संघटकों में शामिल नहीं है।
कांग्रेस के नेशनल कॉर्डिनेटर गौरव पांधी ने कोवैक्सीन में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किए जाने का दावा किया था। पांधी ने एक आरटीआई के जवाब में मिले दस्तावेज को साझा किया, जिसमें कोवैक्सीन बनाने में गाय के बछड़े के सीरम का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी उम्र 20 दिन से भी कम होती है। उन्होंने दावा किया कि यह जवाब विकास पाटनी नाम के व्यक्ति की आरटीआई पर केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दिया है। इसके बाद से विपक्ष ने मोदी सरकार पर हमला बोला।