विकासनगर (देहरादून): उत्तराखंड के जौनसार-बावर क्षेत्र के खरोडा गांव में एक बार फिर भालू ने आतंक मचाया। 45 वर्षीय फकीरी देवी पशुओं के लिए चारा-पत्ती लेने छानीधार जंगल गई थीं, तभी झाड़ियों से निकले भालू ने उन पर हमला कर दिया। महिला ने दरांती से बचाव की कोशिश की, लेकिन अचेत होकर गिर पड़ीं। भालू भी मौके से फरार हो गया। ग्रामीणों ने तुरंत उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां उनका इलाज जारी है।
फकीरी देवी विधवा हैं और बच्चों के पालन-पोषण के लिए खेती-बाड़ी और पशुपालन करती हैं। पति के निधन के बाद वे अकेले परिवार की जिम्मेदारी निभा रही हैं। घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों ने वन विभाग से तत्काल मुआवजा और भालू के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है।
भालू-गुलदार का बढ़ता कहर
प्रदेश में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पहाड़ी इलाकों में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा जोखिम में हैं।
ग्रामीणों की मांगें
- तत्काल मुआवजा पीड़ित परिवार को.
- जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए.
- भालू-गुलदार को सुरक्षित क्षेत्र में शिफ्ट किया जाए.
- चारा-पत्ती के लिए सुरक्षित वैकल्पिक व्यवस्था।
“महिलाएं चारा लाने जाती हैं, बच्चे स्कूल, युवक खेती — कोई सुरक्षित नहीं। वन विभाग सिर्फ कागजों में काम करता है।” — खरोडा गांव के सरपंच
वन विभाग का जवाब
वन विभाग के रेंज अधिकारी ने बताया कि टीम मौके पर पहुंची है और भालू की निगरानी की जा रही है। ट्रेंकुलाइज टीम को अलर्ट पर रखा गया है। मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
उत्तराखंड में भालू-गुलदार का बढ़ता कहर
प्रदेश में जंगली जानवरों के हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। पहाड़ी इलाकों में महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा जोखिम में हैं। भालू और गुलदार के हमलों के मामले उत्तरकाशी से लेकर पिथौरागढ़ तक सामने आ रहे हैं।
- तत्काल मुआवजा पीड़ित परिवार को
- जंगलों में गश्त बढ़ाई जाए
- भालू-गुलदार को सुरक्षित क्षेत्र में शिफ्ट किया जाए
- चारा-पत्ती के लिए सुरक्षित वैकल्पिक व्यवस्था
“महिलाएं चारा लाने जाती हैं, बच्चे स्कूल, युवक खेती — कोई सुरक्षित नहीं। वन विभाग सिर्फ कागजों में काम करता है।” — खरोडा गांव के सरपंच
वन विभाग का जवाब
वन विभाग के रेंज अधिकारी ने बताया कि टीम मौके पर पहुंची है और भालू की निगरानी की जा रही है। ट्रेंकुलाइज टीम को अलर्ट पर रखा गया है। मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
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