अमेरिका में पढ़ाई के लिए तैयारी कर रहे भारतीय छात्रों के बीच इस वक्त डर और चिंता का माहौल गहरा गया है। वजह? अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एक सख्त फैसला लिया है—अब वीज़ा आवेदन से पहले इंटरनेशनल स्टूडेंट्स के सोशल मीडिया अकाउंट्स की गहन जांच होगी।
यह नई नीति अमेरिका के विदेश मंत्रालय की इंटरनल केबल के जरिए सामने आई है, जिसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अब वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले छात्रों के सोशल मीडिया पोस्ट्स को अमेरिका में एंट्री से पहले जांचा-परखा जाएगा।
इस फैसले की पृष्ठभूमि में अमेरिका की यूनिवर्सिटीज़ में फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों की लहर है। बीते वर्ष इन प्रदर्शनों में कई विदेशी छात्र भी शामिल हुए थे, जिसके बाद ट्रंप प्रशासन ने इंटरनेशनल स्टूडेंट्स पर शिकंजा कसने की रणनीति अपनाई।
अब भारतीय छात्र, जो अमेरिका में पढ़ाई के लिए तैयारी कर रहे हैं, अपने सोशल मीडिया पोस्ट डिलीट करने में लगे हैं। कोई इंस्टाग्राम साफ कर रहा है, तो कोई लिंक्डइन से पॉलिटिकल ऐक्टिविटी हटा रहा है। कुछ ने तो सोशल मीडिया अकाउंट्स ही पूरी तरह डिलीट कर दिए हैं।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, मान्या (बदला हुआ नाम), जिसे एक आइवी लीग यूनिवर्सिटी में मास्टर प्रोग्राम के लिए चुना गया है, उसने अपने इंस्टाग्राम और लिंक्डइन अकाउंट हटा दिए हैं। उसके वीज़ा काउंसलर ने चेतावनी दी थी कि उसके पुराने राजनीतिक पोस्ट उसके F-1 वीज़ा के रास्ते में रुकावट बन सकते हैं।
ग्रैडिंग डॉट कॉम की संस्थापक ममता शेखावत ने इस मसले पर कहा कि छात्र के सोशल मीडिया पर राजनीतिक रुचि या एक्टिविज़्म का जरा-सा भी संकेत उनके वीज़ा को खतरे में डाल सकता है। अब सिर्फ अकादमिक योग्यता ही नहीं, डिजिटल छवि भी जांची जा रही है।