देहरादून: NHM यानी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन। राज्यभर में स्वास्थ्य सेवाओं में इनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान है। ये कर्मचारी COVID काल में भी लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं। अपनी नौ सूत्रीय मांगों को लेकर कई बार सरकार से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं है। अपनी इन्हीं मांगों को लेकर एनएचएम कर्मचारियों ने आंदोलन की तैयारी कर ली है। पूरा कार्यक्रम तैयार कर लिया गया है और सरकार को सूचना भी दे दी गई।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) संविदा कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील भंडारी, सचिव हर सिंह रावत की ओर से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा गया है। सरकार से मांगों पर 22 से 27 तक विचार करने की मांग की है। इसके बाद प्रदेश के करीब चार हजार कर्मचारी 28 से 31 तक काला फीता बांधकर विरोध करेंगे।
इसके बाद भी अगर सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो 1 और 2 दो जून को अनूठा विरोध करेंगे। इसके तहत सभी कर्मचारी होम आइसोलेशन में चले जाएंगे और कार्य बहिष्कार करेंगे। सुनील भंडारी ने कहा कि NHM कर्मचारी क्वारंटीन सेंटरों, सैंपलिंग ड्यूटी, रिपोर्टिंग, टीकाकरण में कोविड ड्यूटी कर रहे हैं। जोखिम के बीच कार्य करने के बावजूद सरकार और विभाग के उनकी सुध नहीं ले रहा है। कर्मचारियों के आंदोलन करने से स्वास्थ्य सेवाएं लडखड़ा जाएगी।
ये हैं नौ सत्रीय मांगें
- सामूहिक बीमा या गोल्डन कार्ड दिया जाए.
- कोरोनाकाल में हुई मौत पर परिजनों को आर्थिक सहायता और एक सदस्य को नौकरी.
- लॉयल्टी बोनस दिया जाए, यूपी में मिल गया, यहां नहीं मिला.
- नियमितीकरण किया जाए.
- समान कार्य समान वेतन.
- HR पॉलिसी बनाई जाए.
- आउटसोर्स से NHM में नौकरी न दी जाए.
- NHM के कर्मचारियों को समान पदों पर 50 फीसदी आरक्षण.
- वार्षिक वेतन को न्यूनतम दस फीसदी किया जाए.