नई दिल्ली/देहरादून : भारत सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार 11 जनवरी 2025 को आयोजित साइबर कमांडो परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है। इस परीक्षा में उत्तराखंड पुलिस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पूरे देश में तीसरा स्थान हासिल किया है। परीक्षा में विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय पुलिस संगठनों से लगभग 3200 पुलिस कर्मियों ने भाग लिया था। उत्तराखंड राज्य से कुल 72 पुलिस कर्मियों का चयन हुआ, जिससे राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त किया।
उत्तराखंड के टॉप-3 चयनित पुलिस कर्मी
उत्तराखंड के तीन पुलिस कर्मियों ने पूरे भारत में शीर्ष 10 रैंक में स्थान प्राप्त किया:
कॉन्स्टेबल हरेन्द्र भण्डारी (साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून) – ऑल इंडिया रैंक: 2
कॉन्स्टेबल कादर खान (एसटीएफ, उत्तराखंड, देहरादून) – ऑल इंडिया रैंक: 6
अपर उपनिरीक्षक चन्द्रमोहन (संचार साइबर सैल, अल्मोड़ा) – ऑल इंडिया रैंक: 10
राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड का शानदार प्रदर्शन
देशभर से सर्वाधिक चयनित पुलिस कर्मियों की सूची में उत्तराखंड तीसरे स्थान पर रहा।
तेलंगाना – 172 चयनित
केरल – 73 चयनित
उत्तराखंड – 72 चयनित
साइबर सुरक्षा को मिलेगा नया आयाम
माननीय मुख्यमंत्री उत्तराखंड के निर्देशों के तहत साइबर अपराध की रोकथाम और सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। डीजीपी श्री दीपम सेठ के मार्गदर्शन में साइबर पुलिस का नेतृत्व आईजी श्री नीलेश आनंद भरने द्वारा किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, उत्तराखंड श्री नवनीत सिंह ने जानकारी दी कि गृह मंत्रालय (I4C – भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र) के परामर्श के तहत ‘साइबर कमांडो की विशेष शाखा’ की स्थापना की जा रही है। इसी के अंतर्गत, 11 जनवरी 2025 को नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी (NFSU), दिल्ली के विभिन्न परीक्षा केंद्रों में यह परीक्षा आयोजित की गई।
उत्तराखंड में यह परीक्षा पुलिस उपाधीक्षक श्री अंकुश मिश्रा, आई4सी गृह मंत्रालय और एनएफएसयू टीम के पर्यवेक्षण में संपन्न हुई। उत्तराखंड से कुल 242 पुलिस कर्मियों ने परीक्षा दी, जिनमें से एसटीएफ और साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के 7 कर्मियों सहित कुल 72 कर्मियों का चयन हुआ।
विशेष प्रशिक्षण एवं भूमिका
चयनित साइबर कमांडो को देश के प्रतिष्ठित संस्थानों, जैसे आईआईटी और राष्ट्रीय फॉरेंसिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) में गहन व्यवहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। इन प्रशिक्षित कर्मियों को उनके मूल संगठनों में वापस भेजा जाएगा, जहां वे डिजिटल फोरेंसिक, घटना प्रतिक्रिया और आईसीटी (सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी) संरचना की सुरक्षा में अपनी विशेषज्ञता का उपयोग करेंगे।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ उत्तराखंड ने सभी चयनित अभ्यर्थियों को बधाई दी और भविष्य में साइबर सुरक्षा क्षेत्र में और अधिक सफलता प्राप्त करने की शुभकामनाएं दीं। इस सफलता से उत्तराखंड पुलिस की साइबर सुरक्षा क्षमताओं को और अधिक मजबूती मिलेगी और साइबर अपराधों से निपटने में राज्य को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।