ऋषिकेश: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश और एपेडिमिलॉजिकल फाउंडेशन ऑफ इंडिया की ओर से संस्थान में एफिकॉन 2020 का आगाज हो गया है। तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय वेब कांफ्रेंस में देश-दुनिया के विशेषज्ञ डाॅक्टर कार्यशालाओं के माध्यम से एंटी मायोब्रिल रेजिस्ट्रेंस के बढ़ने की स्थिति में उस पर नियंत्रण के तौर तरीकों और महामारी विज्ञान का अध्ययन का महत्वपूर्ण मूल्यांकन को लेकर विस्तृत चर्चा करेंगे।
एफिकॉन 2020 में देशभर के सभी एम्स संस्थान, पीजीआई चंडीगढ़ समेत करीब 25 से अधिक मेडिकल संस्थान के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस के उद्घाटन अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि किसी भी बीमारी के बाबत बेहतर तरीके से जानकारी प्राप्त करने व उसके कारणों की तह तक पहुंचने के लिए उससे संबंधित आंकड़ों की आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि उपलब्ध आंकड़ों के अध्ययन से ही हम उस बीमारी के कारणों को जानकर उसके निवारण के संबंध में कार्य कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि कैंसर जैसी घातक बीमारी के बाबत यदि हमारे पास सही आंकड़े उपलब्ध होंगे तभी हम कैंसर की रोकथाम में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
संस्थान के डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने एम्स ऋषिकेश द्वारा चलाए जा रहे पॉपुलेशन बेस्ड कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने आश्वस्त किया कि संस्थान इन आंकड़ों को एकत्रित कर जल्द से जल्द भारत सरकार को उपलब्ध करायेगा, जिससे लगातार बढ़ रही कैंसर की बीमारी की रोकथाम के लिए आगे की रणनीति तैयार की जा सके। एफिकॉन 2020 की आयोजन सचिव और आईबीसीसी प्रमुख प्रोफेसर बीना रवि ने बढ़ते हुए कैंसर के मामलों के की जानकारी दी व इससे संबंधित आंकड़ों को एकत्रित कर उनके अध्ययन के बारे में बताया। संस्थान की वरिष्ठ शल्य चिकित्सक प्रो. बीना रवि ने बताया कि एम्स ऋषिकेश के स्तर पर कैंसर के बढ़ते कारणों के बारे में लोगों को जागरुक करने की दिशा में सतत प्रयास किए जा रहे हैं।
कांफ्रेंस के सह आयोजन सचिव डा. प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि एफिकॉन 2020 में विश्वभर से लगभग 1500 डेलीगेस्ट प्रतिभाग कर रहे हैं, जो कि संबंधित विषयों पर चर्चा में हिस्सा लेंगे व जानकारी जुटाएंगे। अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भारत सरकार के पूर्व डीजी हैल्थ सर्विसेस डा. आरके श्रीवास्तव, ईएफआई के प्रेसिडेंट डा. उमेश कपिल, ईएफआई के सचिव डाॅ. वीके श्रीवास्तव ने भी व्याख्यान प्रस्तुत किए। इस अवसर पर कांफ्रेंस की साइंटिफिक कमेटी के सदस्य डाॅ. योगेश बहुरुपी, डाॅ. प्रदीप अग्रवाल, डाॅ. महेंद्र सिंह, डाॅ. प्रतीक शारदा, डाॅ. रुचिका गुप्ता, डाॅ. श्रेया अग्रवाल, डाॅ. नंदिता, डाॅ. अंजलि, डाॅ. भीमदत्त, डाॅ. अंकित, डाॅ. द्वारिका आदि मौजूद थे।