Dehradun : मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए प्रदेश में अतिवृष्टि और आपदा प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होंने जिलाधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली और सभी को अलर्ट रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किसी भी घटना की स्थिति में जल्द से जल्द राहत और बचाव कार्य संचालित होने चाहिए। रेस्पोंस टाईम को कम से कम किया जाए। उन्होंने कहा कि जनता को महसूस होना चाहिए कि शासन-प्रशासन को उनकी चिंता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन से जुड़ सभी विभाग और एजेंसियां समन्वय से काम करें। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन में मॉक ड्रिल का बहुत महत्व है। मॉक ड्रिल की जाती रहनी चाहिए। उन्होंने अवरूद्ध मार्गों, क्षतिग्रस्त बिजली और पेयजल लाईनों को तेजी से बहाल करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावितो को मुआवजे की राशि तुरंत मिले और उन्हें सुरक्षित आवास, भोजन, पेयजल, दवाईयां भी तत्काल उपलब्ध होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व में आई आपदाओं में किये गये राहत और बचाव कार्यों की भी जानकारी लेकर मॉनीटरिंग करने को भी कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिन परिवारों का सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन किया जाना है। उसकी प्रक्रिया को तेज किया जाए। उन्होंने कहा कि रैणी में आपदा की जद में आए परिवारों का विस्थापन कराया जाना है। उन्होंने जिओलाजिस्ट की नियुक्ति के निर्देश भी दिए। आपदा राहत कार्यों के लिए तैनात हेलीकाप्टरोे का उपयोग करें ताकि आम लोगों तक राहत जल्द से जल्द पहुंच सके। इनका उपयोग मेडिकल इमरजेन्सी व अन्य आपदा संबंधित कामों में किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी उत्तरकाशी को आराकोट जाकर वहां के लोगों से मिलकर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिये। प्रदेश में स्वीकृत डाप्लर राडार की स्थापना में तेजी लाई जाए। जिलाधिकारी पिथौरागढ़ को हाल ही में स्वीकृत राहत राशि का वितरण तत्काल करवाने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी टिहरी से हाल ही में देवप्रयाग क्षेत्र में सक्रिय हुए बाघ के बारे में भी जानकारी ली।