देहरादून: पीएम मोदी ने उत्तराखंड में सैनिक धाम बनाने की घोषण की थी। उस घोषणा को पूरा करने के लिए उत्तराखंड सरकार ने कसरत को शुरू की, लेकिन अब उस पर सवाल खड़े होने लगे हैं। युवा नेता कांग्रेस प्रदेश सचिव कविंद्र इष्टवाल ने सरकार के भूमि चयन फैसले को गलत बताया है।
उन्होंने फेसबुक पोस्ट लिखी है। साथ ही एक वीडियो भी शेयर किया है। इसमें उन्होंने कहा कि क्या सैनिकों का सम्मान सैनिकांे की सहादत का यही सिला दिया हमारे मुख्यमंत्री ने? क्या सैनिक धाम अब कचरे की ढेर पर बनेगा? उन्होंने आगे लिखा है कि उत्तराखंड में सैनिक धाम बनाने की पीएम मोदी की घोषणा को अब पंख लगते नजर आ रहे हैं।
नगर निगम देहरादून ने सहस्त्रधारा रोड स्थित डंपिग ग्राउंड की जमीन इसके लिए दे दी है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिं रावत से मेयर सुनील उनियाल गामा ने मुलाकात कर यह महत्वपूर्ण फैसला लिया कि आओ मिलकर सैनिक धाम को इस कचरे के ढेर पर बनाकर सब कचरा करें। कविंद्र इष्टवाल ने कहा कि सैनिक धाम को जरूरी नहीं था कि देहरादून में ही बनाया जाए।
उन्होंने कहा कि कचरे के ढेर पर धाम बनाने से बढ़िया होता कि इसे पहाड़ों पर कहीं बनाते। जहां के हर युवा सेना में जाने के लिए तत्पर रहता है। हर पल देश के लिए अपनी कुर्बानी देने के लिए तैयार रहता है। उसे इस बात की चिंता नहीं होती कि सेना में जाने के कितने खतरे होते हैं। उसे बस इस बात का गुमान होता है कि अगर मरेगा भी तो देश के काम आएगा।