Wednesday , 18 June 2025
Breaking News

AIIMS में पहली बार एक साथ बायपास सर्जरी और हार्ट के ट्यूमर का सफल ऑप्रेशन

CM त्रिवेंद्र रावत की सक्रियता व मानवीयता के लिए भी परिजनों ने कहा धन्यबाद ।

जनपद चमोली के मैठाणा गांव के अरविंद मैठाणी के हार्ट में बन गया था ढ़ाई इंच का जानलेवा ट्यूमर ।

ऋषिकेश: AIIMS: जहां एक ओर पहले उत्तराखंड के मरीजों को गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए दिल्ली चंडीगढ़ या लखनऊ जैसे महानगरों के अस्पतालों पर ही निर्भर रहना पड़ता था, वहीं अब उत्तराखंड में एम्स अस्पताल यहां के मरीजों के लिए वरदान साबित होने लगा है । दूर दराज पहाड़ों से आने वाले लोगों को यहां आसानी से लाईलाज बीमारी का उपचार मिल रहा है, जो किसी वरदान से कम नहीं है ।

ऋषिकेश एम्स अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजेश लाहिड़ी व उनकी टीम ने लगभग 7 घंटों तक लगातार चले ऑप्रेशन के बाद मरीज की जान बचाने में सफलता प्राप्त की है जो किसी चमत्कार से कम नहीं था ।

बताते चलें कि चमोली मैठाणा निवासी अरविंद मैठाणी को पिछले एक माह में दो बार अचानक से अटैक आने की वजह से सांस रुकने से भारी तकलीफों का सामना करना पड़ा । जिसके बाद उन्हें परिजनों द्वारा आनन-फानन में जिला चिकित्सालय गोपेश्वर ले जाया गया, जहां से उन्हें तुरन्त श्रीनगर मेडिकल कॉलेज रैफर किया गया था । लेकिन श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने मरीज की तकलीफ को गंभीर न बताते हुए उसे महज दो से तीन घंटे में ही डिस्चार्ज कर वापस उसके घर चमोली भेज दिया था । श्रीनगर मेडिकल कॉलेज ने इस बीमारी को मामूली पेनिक अटैक बताया था ।

■ श्रीनगर मेडिकल कालेज ने तो मामूली बीमारी बताते हुए मरीज को महज दो घंटे में ही डिस्चार्ज कर दिया था

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज से अरविंद द्वारा वापस मैठाणा चमोली पहुंचने के कुछ दिनों के अंतराल में ही फिर से अटैक पड़ गया । इस बार वह दोहरी सांस नहीं ले सके सभी लोग घबरा गए । फिर अचानक से एक बार फिर रात करीब 9 बजे उन्हें जिला चिकित्सालय गोपेश्वर ले जाया गया। जिला चिकित्सालय में कोई उपचार न मिलने के कारण परिजन कार से पेशेंट को तुरंत देहरादून ले आये। देहरादून में विशेषज्ञ चिकित्सकों से संपर्क किया गया और एक बड़े अस्पताल में बीमारी का पता चला जिसके बाद परिजन बुरी तरह घबरा गए थे।

क्योंकि डॉक्टरों ने अरविंद के बार-बार सांस रुकने की समस्या को बेहद असाधारण घटना बताया। जांच में स्पष्ट हुआ कि अरविंद के हार्ट (दिल) में 2.5 इंच ( करीब 6 सेंटीमीटर) आलू के आकार में एक बड़ा ट्यूमर डेवलप हुआ है। जिसके कारण वह ब्लड सप्लाई को बाधित कर रहा था जिस कारण पेशेंट की अचानक से सांस रुक जाती व बेचैनी होने लगती थी। चिकित्सकों ने इसे बेहद खतरनाक बताया। जो कि मरीज के लिए हर सेकंड जान का खतरा बना हुआ था। अब एकमात्र उपाय था कि, विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम द्वारा ट्यूमर को सही सलामत ऑपरेशन कर निकाला जाना।

डॉक्टर द्वारा परिजनों को बार-बार यह कहा जाना कि मरीज की जान को खतरा ज्यादा है, खासकर ऑप्रेशन के वक़्त। यह सुन परिजनों के हाथ पांव फूल गए थे। अरविंद की जान को कोई खतरा न हो इसके लिए परिजनों ने देहरादून के अलावा दिल्ली, चंडीगढ़ तक विशेषज्ञ डॉक्टरों को रिपोर्ट भिजवाई। सब जगह से एक ही जवाब आया कि इसे तुरन्त ऑपरेट कर निकाला जाए। हार्ट में पनप रहा यह ट्यूमर एक चलता-फिरता बम की तरह था, जो किसी भी वक़्त जानलेवा हो सकता था। लेकिन सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों ने यही सलाह दी कि, ऑप्रेशन ऐसी जगह हो जिस अस्पताल में हर आपात स्थिति से निबटने के साधन उपलब्ध हों और मरीज की जान का रिस्क कम किया जाए । क्योंकि यह सामान्य ऑपरेशन नहीं है ।

फिर परिजनों ने किसी सोर्स से एम्स दिल्ली तक संपर्क किया, परन्तु वहां से जानकारी दी गई कि उत्तराखंड के एम्स AIIMS ऋषिकेश में भी वो सारी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं जो दिल्ली के एम्स में हैं और ऋषिकेश में भी विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद हैं ।

■ मरीज की बिगड़ती हालात हताश निराश परिजनों ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत से मांगी मदद :

पेशेंट अरविंद मैठाणी के छोटे भाई शशि भूषण मैठाणी ने बताया कि जब मेरे भाई की हालत लगातार बिगड़ती चली गई तो मैंने घबराहट में फिर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जी को व्हाट्सप कर उनसे मदद मांगी ।

क्योंकि हम हर तरफ से हताश हो गए थे लेकिन जिस प्रकार से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने बेहद ही सक्रियता व मानवीयता के साथ के हम सबका मनोबल बढ़ाए रखा उसकर लिए मैं व मेरा परिवार हमेशा के लिए उनका ऋणी हो गया ।

■ एम्स निदेशक (प्रोफेसर) डॉक्टर रविकांत ने तत्काल गठित की डॉक्टर की टीम :

एम्स के निदेशक (प्रोफेसर) डॉक्टर रविकांत जी ने भी तत्काल डॉक्टरों की एक टीम गठित कर पेशेंट अरविंद मैठाणी की हर जांच को गहनता से करवाया । हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राजा लाहिड़ी के नेतृत्व में चिकित्सकों की टीम ने पूरी ताकत के साथ अरविंद के उपचार में जुट गई थी । हार्ट में पनप रहे भारी ट्यूमर के ऑपरेशन से पहले डॉक्टरों ने निर्णय लिया कि पहले मरीज की एंजियोग्राफी भी की जानी चाहिए । और यह निर्णय सही साबित हुआ, क्योंकि एंजियोग्राफी में पता चला कि पेशेंट के हार्ट में ट्यूमर के अलावा 80% व 50% के दो अलग-अलग ब्लॉकेज भी हैं । चिकित्सकों के सामने यह एक और नई चुनौती सामने आ खड़ी हुई । अब एक नहीं बल्कि दो-दो ऑप्रेशन एक साथ होने थे ।

■डॉक्टर राजा लाहिड़ी ने किया सफल ऑपरेशन, परिजनों के चेहरों पर लौटी मुस्कान :

एम्स ऋषिकेश में Assistant Professor Dr. Raja Lahiri (राजा लाहिड़ी) ने पेशेंट अरविंद मैठाणी के दोनों जटिल ऑपरेशन को एक साथ कर नया कीर्तिमान स्थापित कर दिया है । AIIMS (एम्स) ऋषिकेश के लिए यह अपने आप में पहला मौका था कि जब यहां पर हार्ट में ट्यूमर और बायपास सर्जरी दोनों एक साथ सफलतापूर्वक ऑपरेट किये गए हों । डॉक्टर राजा लाहिड़ी बताते हैं कि पहले तो हार्ट से इतने बड़े साइज के ट्यूमर को निकालना ही किसी चुनौती से कम नहीं था, फिर एंजियोग्राफी में हमें पता चलता है कि, पेशेंट के हार्ट में भी दो ब्लॉकेज हैं । ऐसे में अब एक साथ एक जगह पर दो चुनौतियों से हमें निबटना था । लेकिन दोनों ऑप्रेशन सफल रहे यह हम सबके लिए बड़ी उपलब्धि रही और मरीज भी ठीक है । इस दरमियान कार्डिक अनेस्थेसिया ( Cardiac Anaesthesia ) के डॉक्टर अजय कुमार ( Dr. Ajay Kumar ) डॉक्टर राहुल, ( Dr. Rahul ) , व डॉक्टर प्रशांत ( Dr. Prashant ) के अलावा स्टाफ में केशव और धरम टीम के महत्वपूर्ण सदस्यों में शामिल रहे ।

पेशेंट अरविंद मैठाणी के भाई शशि भूषण मैठाणी ने इस दरमियान लगातार महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वालों में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, एम्स के निदेशक प्रोफेसर डॉक्टर रविकांत के अलावा, मुख्यमंत्री के स्पेशल ऑफिसर के.के. मदान व एम्स के मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर पंकज सिंह का भी विशेष आभार जताया है ।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

AIIMS RISHIKESH: 10 साल में 1 लाख 33 हजार सर्जरी कर बनाया रिकॉर्ड

3 दिन के नवजात से लेकर 90 वर्ष के बुजुर्ग की हो चुकी सर्जरी। प्रतिमाह …

error: Content is protected !!