देहरादून: विधानसभा के मानसून सत्र में कांग्रेस के तीखे तेवर जारी हैं। सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन से ही कांग्रेस लगातार मुद्दों को उठा रही है। भू-कानून से लेकर धान खरीद औद देवस्थानम बोर्ड तक हर मुद्दे पर कांग्रेस सरकार पर हमलावर रही है। आह भी सदन में कांग्रेस ने महंगाई का मुद्दा उठाया। उसके बाद हरिद्वार में मेडिकल कॉलेज के मामले को लेकर सदन में हंगामे के बाद वॉकवाउट कर दिया। जिसके चलते कार्यवाही को स्थगित करना पढ़ा।
लेकिन, वधानसभा सत्र की कार्यवाही जैसे ही फिर से शुरू हुई, कोई भी मंत्री सदन में नहीं आया। इस पर कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन ने सवाल खड़े किए और विधानसभा अध्यक्ष को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि सरकार का कोई भी प्रतिनिधि सदन में नहीं हैं। ऐसे में सदन में कैसे कार्रवाई चलेगी। जैसे ही मंत्रियों के कानों में यह बात पहुंची, सभी अपने कमरों से सदन में पहुंचे।
इस पर कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए हैं। कांग्रेस का आरोप है कि सरकार सदन के संचालन को लेकर गंभीर नहीं है। उससे पहले, कांग्रेस ने महंगाई के मुद्दे पर सदन में नियम 310 के तहत चर्चा की मांग उठाई। विधानसभा अध्यक्ष ने कांग्रेस की चर्चा की मांग नियम 58 के तहत मांग स्वीकार की है। वहीं, प्रश्नकाल शुरू होते ही कांग्रेस विधायकों ने सरकार से सवाल पूछे।
सदन में कांग्रेस विधायक हरीश धामी ने उच्च शिक्षा मंत्री से सवाल पूछा। धामी ने पूछा किस कोरोना के समय 34 अतिथि शिक्षकों को महाविद्यालयों से हटाया गया, जबकि वर्तमान में विभिन्न महाविद्यालयों में 40 शिक्षकों पद रिक्त है। सरकार इन शिक्षकों के लिए क्या कदम उठा रही है।
सवाल का जवाब उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने दिया। उन्होंने कहा कि नौकरी से हटाए गए 34 अतिथि शिक्षक फिर से रखे जाएंगे। हालांकि उन्होंने शर्त भी जोड़ी की अतिथि शिक्षकों को संबंधित विषय के पद रिक्त होने पर फिर से रखा जाएगा। उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा पहले अतिथि शिक्षक को 15 हजार मिलते थे, हमारी ने 25 हजार मानदेय दिया। अब 35 हजार मानदेय दिया जा रहा है।
साथ ही हरिद्वार के भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज को लेकर विधायक ममता राकेश के सवाल का जवाब मंत्री धन सिंह रावत ने दिया। उन्होंने कहा कि जिले में एक ही मेडिकल कॉलेज बन सकता है। इसके बाद संसदीय कार्यमंत्री ने भी नियम बताने शुरू कर दिए, जिससे कांग्रेस आक्रोशित हो गई और बेल में जाकर नारेबाजी शुरू कर दी।