खेल डेस्क, पहाड़ समाचार
भारतीय टीम जब ऑस्ट्रेलिया गई थी, किसी को यकीन नहीं था कि टीम जीतकर वापस आएगी। हर कोई यह सोच रहा था कि भारतीय टीम को यहां काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हर किसी की जुबां पर यही था कि इंडिया के लिए असंभव लक्ष्य है। वन-डे और टी-20 के बाद जब टेस्टी सिरीज शुरू हुई, तब तक पूरी भारतीय टीम बदल चुकी थी। इंडिया ने इससे पहले भी इस तरह की परिस्थियां देखी होंगी, लेकिन इतनी बड़ी जीत कुड डेब्यू करने वाले कम अनुभवी खिलाड़ियों के साथ हासिल करने के बारे में नहीं सोचा था।
टेस्ट टीम में विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को टीम में तो शामिल किया गया था, लेकिन वो टीम प्रबंधन की शायद पहली पसंद नहीं थे। लेकिन, उत्तराखंड के इस युवा खिलाड़ी ने पहले भी खुद को साबित किया और अब एक बार फिर से और पुख्ता व मजबूती से साबित किया है। ऋषभ पंत की फिटनेस पर भी सवाल उठाए गए थे, लेकिन उन्होंने अपने सभी आलोचकों का मुंह बंद करा दिया। आॅस्ट्रेलिया शुभमन गिल का विकेट गिरने के बाद खुश थी कि वो अब जल्द जीत हासिल कर लेंगे, लेकिन ऋषभ पंत पहाड़ बनकर खड़े हो गए।
ब्रिसबेन टेस्ट में जब टीम इंडिया को ऑस्ट्रेलिया ने 328 रनों का लक्ष्य दिया था। किसी ने उम्मीद नहीं की होगी कि ये मैच मेजबान के खिलाफ जाएगा. मगर भारत के दृढ़ निश्चय और हौंसले के आगे कंगारू टीम ने घुटने टेक दिये। महाजीत के कई हीरो रहे, अजिंक्य रहाणे, चेतेश्वर पुजारा, मोहम्मद सिराज, शुभमन गिल, सभी ने जीत के लिए अपना सबकुछ झोंक दिया लेकिन, ऋषभ पंत ने अपनी बल्लेबाजी से सभी का दिल जीत लिया।
ऋषभ पंत ने ब्रिसबेन टेस्ट की दूसरी पारी में नाबाद 89 रन बनाकर भारत को मैच जिताया। मैन ऑफ द मैच बने पंत कहा कि ये उनके जीवन का सबसे अहम लम्हा है। पंत के इस प्रदर्शन के बाद उनके आलोचकों के भी मुंह बंद हो गए. पंत की विकेटकीपिंग और बल्लेबाजी पर अकसर सवाल खड़े होते हैं, लेकिन बाएं हाथ के इस खिलाड़ी ने ब्रिसबेन टेस्ट में दिखाया कि आखिर क्यों वो इतने खास हैं।