Wednesday , 9 July 2025
Breaking News

उत्तराखंड : फिर सड़कों पर उमड़ेगा जनसैलाब, गैरसैंण में होगी मूल निवास स्वाभिमान महारैली

  • गैरसैंण में प्रस्तावित मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन की तैयारी.

  • रजिस्ट्रेशन की बाध्यता हो खत्म, सरकार करे बेहतर इंतजामात.

देहरादून: मूल निवास, भू- कानून समन्वय संघर्ष समिति गैरसैंण में प्रस्तावित मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन की तैयारी में जुट गई है। समिति इसी हफ्ते गैरसैंण में एक अहम बैठक करने जा रही है। इसके साथ ही समिति ने चारधाम यात्रा में हो रही अव्यवस्थाओं के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया।

देहरादून स्थित शहीद स्मारक में आयोजित पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए मूल निवास, भू-कानून समन्वय संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि आचार संहिता में अनुमति न मिलने के कारण मूल निवास स्वाभिमान महारैली स्थगित करनी पड़ी। अब गैरसैंण में महारैली होनी है। जिसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। प्रदेश भर से गैरसैण में भी हजारों-हजार लोग इस आंदोलन का हिस्सा बनेंगे।

इसके साथ ही उन्होंने चारधाम यात्रा में हो रही अव्यवस्था के लिए सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन न होने से मूल निवासियों का रोजगार बुरी तरह प्रभावित हो गया है। उन्होंने रजिस्ट्रेशन की सभी तरह की बाध्यता खत्म करने की मांग की है। साथ ही कहा कि सरकार को यात्रा प्रबंधन के लिए बेहतर इंतजामात करने चाहिए।

यात्रियों को नहीं रोका जाना चाहिए। इनसे सभी तरह के व्यवसायियों की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। समिति यात्रा से प्रभावित हो रहे व्यवसायियों से मुलाकात करेगी। हरिद्वार और ऋषिकेश में रजिस्ट्रेशन के नाम पर यात्रियों से पैसा वसूलने की शिकायतें मिल रही हैं। हेलीकॉप्टर टिकट की ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो रही। लेकिन टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग जारी है।

सह संयोजक लुशुन टोडरिया ने कहा कि मास्टर प्लान के नाम पर बद्रीनाथ में मूल निवासियों की अनुमति के बिना भवन-दुकानें तोड़ी गई। लेकिन अभी तक उन्हें मुआवजा नहीं दिया और ना ही उनके पुनर्वास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान के दायरे से बाहर के भवन भी तोड़ने की तैयारी चल रही है। मूल निवासियों को बेघर करने की सरकार की मंशा स्पष्ट दिखाई दे रही है।

समिति के कोर मेंबर प्रांजल नौडियाल ने कहा कि केदारनाथ में विकलांगों और बीमार लोगों की सुविधा के नाम पर थार पहुँचाई गई है। लेकिन यहां वीआईपी लोगों की सुविधा के लिए थार का उपयोग हो रहा है। थार से बेहतर यहां एम्बुलेंस की व्यवस्था होनी चाहिए थी।

समिति के सदस्य प्रमोद काला, मीनाक्षी घिल्डियाल, देवचंद उत्तराखंडी, अनिल डोभाल, विपिन नेगी, योगेंद्र रावत, प्रभात डंडरियाल, अंशुल भट्ट ने कहा कि आज अपने ही राज्य में मूल निवासी हाशिये पर हैं। सभी तरह के संसाधन मूल निवासियों के हाथ से निकलते जा रहे हैं। अब यात्रा से जुड़े मूल निवासियों का रोजगार भी प्रभावित हो गया है। यह हम सभी के लिए चिंता का विषय है।

About प्रदीप रावत 'रवांल्टा'

Has more than 19 years of experience in journalism. Has served in institutions like Amar Ujala, Dainik Jagran. Articles keep getting published in various newspapers and magazines. received the Youth Icon National Award for creative journalism. Apart from this, also received many other honors. continuously working for the preservation and promotion of writing folk language in ranwayi (uttarakhand). Doordarshan News Ekansh has been working as Assistant Editor (Casual) in Dehradun for the last 8 years. also has frequent participation in interviews and poet conferences in Doordarshan's programs.

Check Also

उत्तराखंड में फिर तेज़ होगा मानसून, इन जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट, कई सड़कें बंद

देहरादून: उत्तराखंड में मानसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। मौसम विज्ञान केंद्र …

error: Content is protected !!