अवैध ड्रग्स और नकली दवाओं के खिलाफ छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. पिछले एक साल में 862 कम्पनियों और संस्थानों में पर छापेमारी की गयी. इस दूरान लिए गए 35 सैंपलों की जांच चल रही है, दो कंपनियों के लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है और पांच कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की भी तैयारी है.
स्वास्थ्य सचिव/आयुक्त खाद्य संरक्षा और औषधि नियंत्रण प्रशासन डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर राज्य में अवैध ड्रग और नकली दवाओं के खिलाफ अभियान लगातार जारी है. उन्होंने कहा कि नकली या सब-स्टैंडर्ड दवाएं बनाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा और उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
ड्रग्स कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी का कहना है कि विभाग नकली दवाओं और फर्जी कंपनियों के खिलाफ लगातार छापेमारी अभियान चला रहा है. उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में विभाग ने 862 स्थानों पर छापेमारी की. कई कंपनियों से जांच के लिए 352 लीगल सैंपल भी लिये गये हैं. अभी 35 उत्पादों की जांच गतिमान है. उन्होंने बताया कि दो कंपनियों के दवा निर्माण लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई की जा रही है और 72 कंपनियों के उत्पादों की खरीद-फरोख्त पर रोक लगाई गयी है.
ड्रग कंट्रोलर के मुताबिक पांच कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. दस कंपनियों के सेल लाइसेंस को निरस्त करने की सिफारिश भी की गयी है. इसके अलावा 6 कंपनियों के परिसर सील किए गए हैं. उन्होंने बताया कि कुमाऊं में 81 लाइसेंस सस्पेंड और नौ कंपनियों के लाइसेंस निरस्त किए गए हैं. 11 दवा निर्माता कंपनियों के लाइसेंस भी सस्पेंड किए गए हैं.